TRENDING TAGS :
सैफई रैगिंग मामला : सीएम योगी ने वीसी को किया तलब, होगी उच्च स्तरीय जांच
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राजकुमार ने इस मामले में जो जांच कराई थी, उसकी रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमे रैगिंग किये जाने को छात्रों ने गलत बताया है और कहा है कि कोई रैगिंग नहीं हुई है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सैफई में स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में रैगिंग के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर रुख अपनाया हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार को लखनऊ तलब किया गया है।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राजकुमार ने इस मामले में जो जांच कराई थी, उसकी रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमे रैगिंग किये जाने को छात्रों ने गलत बताया है और कहा है कि कोई रैगिंग नहीं हुई है।
विश्वविद्यालय ने शासन को भी रैगिंग न होने की सूचना दी लेकिन मीडिया में खबरे आने के शासन की फटकार पर विश्वविद्यालय ने रैगिंग की घटना को स्वीकार लिया। जिला प्रशासन की रिपोर्ट भी विश्वविद्यालय प्रशासन को रैगिंग की घटना को छुपाने का दोषी बता रही है।
इधर इस घटना से नाराज मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया ने सैफई के उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की मान्यता समाप्त करने के साथ सभी कोर्सों पर रोक लगाने की चेतावनी दी है।
मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लिये जाने के बाद अब प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है।
ये भी पढ़ें...सरकार का बड़ा ऐलान: अब ऐसे दूर होगी मंदी, देखें क्या-क्या बदला
मामले की होगी उच्च स्तरीय जांच
इटावा के डीएम-एसएसपी के नेतृत्व में गठित इस उच्च स्तरीय जांच समिति में सीडीओ, एडीएम, एएसपी और डीआईओएस शामिल होंगे। यह समिति पूरे मामले की दोबारा छानबीन करेगी।
बीते सोमवार को सैफई में बने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया था। यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले करीब 150 छात्रों ने सिर मुंडे हुये दिख रहे थे।
जब यह छात्र कॉलेज कैंपस में अपनी क्लास में जाते हैं तो सिर झुकाकर चल रहे थे। यही नहीं, हॉस्टल की तरफ दूर से ही झुककर प्रणाम करते देखे गये। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हडकंप मच गया है।
ये भी पढ़ें...जानिए क्यों योगी के इस पूर्व मंत्री ने कहा- सरकार दोषी पाएं तो मुझे जेल भेज दें?