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Sonbhadra News: क्रय-विक्रय समिति चुनाव को लेकर घंटों हंगामा, धरने पर आमने-सामने बैठे रहे सपा-भाजपा
Sonbhadra News: सहकारिता के चुनाव में भाजपा मजबूती से सेंधमारी में जुटी हुई है। इसके लिए लगातार जीत के रथ पर सवार भाजपाइयों का जोश जहां उछाल रहा है। वहीं सत्तापक्ष की हनक भी इस बार के सहकारिता चुनाव में अच्छी खासी देखने को मिल रही है।
Sonbhadra News: सहकारिता में जहां अब तक शिवपाल खेमे क वर्चस्व माना जाता है। वहीं इस बार, सहकारिता के चुनाव में भाजपा मजबूती से सेंधमारी में जुटी हुई है। इसके लिए लगातार जीत के रथ पर सवार भाजपाइयों का जोश जहां उछाल रहा है। वहीं सत्तापक्ष की हनक भी इस बार के सहकारिता चुनाव में अच्छी खासी देखने को मिल रही है। कुछ ऐसा ही नजारा दुद्धी तहसील मुख्यालय पर क्रय विक्रय सहकारी समिति की 11 सदस्यीय प्रबंध कमेटी के सदस्यों की चुनावी प्रक्रिया के दौरान देखने को मिला।
सुबह साढे 10 से शाम चार बजे तक चलता रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर
पूर्व के चुनावों में हाशिए पर खड़ा नजर आने वाला भाजपा खेमा इस बार बराबर की टक्कर देता देखा। पहले तो महुली लैंपस से चुने गए प्रतिनिधियों के नाम में हेराफेरी का आरोप लगाया गया। मामला कुछ रंग लाता नहीं दिखा तो नामांकन के लिए पहुंचा भाजपा खेमा समर्थकों के साथ, समिति पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गया। यह देख सपा खेमे भी, बगल में कुर्सियां लगा धरनेबाजी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि सत्तापक्ष का प्रभाव दिखाकर जबरिया चुनाव में व्यवधान और जीत की स्थिति न देख, चुनाव प्रक्रिया को स्थगित कराने की कोशिश की जा रही है। सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू हुई हाईप्रोफाइल धरनेबाजी शाम चार बजे तक चलती रही। अंततः दोनों पक्षों के धरने और हंगामे के चलते सदस्य पदो ंके नामांकन के लिए पर्चे की बिक्री न होने का हवाला देते हुए, शाम चार बजे के चुनाव स्थगित करने की नोटिस चस्पा कर दी गई।
दोनों खेमों से होती नारेबाजी रह-रहकर माहौल बनाती रही तल्ख
बताते चलें कि सहकारिता (क्रय विक्रय) से जुड़े 11 सदस्यीय संचालक मंडल के चुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होना था। इसके लिए शनिवार को नामांकन पत्रों को विक्री और नामांकन दाखिल की तिथि नियत की गई थी। निर्धारित समय से शुरू हुई प्रक्रिया के दौरान महज एक फार्म की ही बिक्री हो पाई थी कि भाजपा खेमे की तरफ से महुली लैंपस से चुने गए प्रतिनिधियों के नाम में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए, धरना शुरू कर दिया गया। यह देख सपा खेमे के लोग धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि भाजपा के लोग जबरदस्ती चुनाव में व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच दोनों पक्षों के बीच से रह-रहकर नारेबाजी होती रही। इसको देखते हुए जहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही, वहीं इस चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अफसरों की भी टेंशन बढ़ी रही।
हंगामे की सूचना पर पहुंचे सीओ दद्दन प्रसाद गोंड़, तहसीलदार ब्रजेश कुमार वर्मा, एसडीएम एसपी सिंह जहां ने निर्वाचन अधिकारी ओमप्रकाश जैसवार से मामले की जानकारी ली। वहीं दोनों पक्षों के लोगों को बैठाकर बातचीत से हल निकालने की भी कोशिश की लेकिन नतीजा नहीं निकला। भाजपा खेमा जहां चुनावी प्रक्रिया स्थगित करने की मांग पर अड़ा रहा। वहीं सपा खेमा चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाने की मांग करता रहा। बातचीत और हंगामे का दौर चलते-चलते शाम चार बजे तक का वक्त गुजर गया। इस बीच करीब सवा तीन बजे नामांकन कराने की भी कोशिश की गई लेकिन दोनों पक्षों के आमने-सामने आ जाने और तनातनी का माहौल देख, प्रक्रिया रोक दी गई। शाम चार बजे के बाद निर्वाचन अधिकारी ने दोनों पक्षों के धरने और नामांकन फार्म की बिक्री न होने का हवाला देते हुए, चुनाव स्थगित करने की नोटिस चस्पा कर दी।