TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सछास ने घेरा जिला मुख्यालयः निशुल्क प्रवेश की मांग, बड़ा विरोध प्रदर्शन

कलेक्ट्रेट पहुंचने के सभी रास्‍तों से चलकर आए युवाओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। हाथ में बैनर व पोस्‍टर लिए युवाओं ने बेरोजगारी खत्‍म करने के साथ ही शिक्षा के निजीकरण को भी रोकने की मांग उठाई।

Newstrack
Published on: 14 Sept 2020 3:42 PM IST
सछास ने घेरा जिला मुख्यालयः निशुल्क प्रवेश की मांग, बड़ा विरोध प्रदर्शन
X
सछास ने घेरा जिला मुख्यालयः निशुल्क प्रवेश की मांग, बड़ा विरोध प्रदर्शन

लखनऊ: समाजवादी पार्टी छात्र सभा ने बीएड कक्षाओं में आरक्षित वर्ग के लिए निःशुल्क प्रवेश सुविधा बहाल करने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्‍यालयों पर प्रदर्शन किया। सभा के प्रदेश अध्‍यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने सीतापुर में प्रदर्शन की अगुवाई की।

बेरोजगारी खत्‍म करने की उठाई मांग

सोमवार की दोपहर समाजवादी छात्र सभा का बैनर थामे हजारों युवाओं ने लखनऊ कलेक्‍ट्रेट पर धावा बोल दिया। कलेक्ट्रेट पहुंचने के सभी रास्‍तों से चलकर आए युवाओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। हाथ में बैनर व पोस्‍टर लिए युवाओं ने बेरोजगारी खत्‍म करने के साथ ही शिक्षा के निजीकरण को भी रोकने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार के समाज कल्‍याण विभाग ने एक आदेश के जरिये बीएड कक्षाओं में निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

samjwadi chaatra sabha protest-2

बीएड समेत अन्‍य शैक्षिक पाठयक्रमों में प्रवेश की मांग

अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थीयों को बीएड समेत अन्‍य शैक्षिक पाठयक्रमों में प्रवेश के अवसर पर फीस जमा किए बगैर प्रवेश मिल जाया करता था। ऐसे विद़यार्थियों को प्रवेश इस आधार पर मिलता था कि जब उन्‍हें शुल्‍क प्रतिपूर्ति मिलेगी तो उससे प्रवेश शुल्‍क काट लिया जाएगा।

samjwadi chaatra sabha protest-3

योगी सरकार का फैसला- दलित छात्रों के साथ घोर अन्‍याय

लेकिन योगी सरकार ने यह व्‍यवस्‍था ही खत्‍म कर दी है। ऐसे में अब बीएड कक्षाओं में प्रवेश की अर्हता हासिल कर चुके दलित समाज के छात्र-छात्राओं को तब तक प्रवेश नहीं मिलेगा जब‍ तक वह फीस नहीं जमा करते। यह फैसला दलित वर्ग के छात्रों के साथ घोर अन्‍याय है। इस वर्ग के छात्र-छात्राओं में ऐसे अभ्‍यर्थी बडी तादाद में हैं जो तुरंत फीस नहीं जमा कर सकते हैं।

samjwadi chaatra sabha protest-4

सरकार जब तक अपना यह मनमाना फैसला वापस नहीं लेगी तब तक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता चुप बैठने वाले नहीं हैं। छात्र सभा के प्रदेश अध्‍यक्ष दिग्विजिय सिंह देव ने बताया कि सोमवार का प्रदर्शन प्रदेश के सभी जिला मुख्‍यालयों पर किया गया है। संगठन के सभी पदाधिकारी अपने गृह जिला मुख्‍यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सीतापुर में बडी तादाद में एकजुट हुए युवाओं ने उनके साथ जाकर कलेक्‍ट्रेट घेरा है। संगठन की ओर से राज्‍यपाल को संबोधित मांगपत्र भी भेजा गया है।

ये भी देखें: 500 की आबादी का गावः बदलते भारत की तस्वीर में नहीं, सदियों से तरस रहा रास्ते को

मांग पत्र की प्रमुख मांगें-

उत्तर प्रदेश के छात्रों, नौजवानों, किसानों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के बुरे हालात की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश का अन्नदाता बेहाल हो चुका है क्योंकि जहां एक तरफ आई बाढ़ से किसानों की फसल नष्ट हुई है वहीं सरकार की कृषि विरोधी नीतियों से भी अन्नदाता मर्माहत है।

samjwadi chaatra sabha protest-5

शिक्षा के बाजारीकरण व भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार से उत्तर प्रदेश के छात्रों नौजवानों में सरकार के प्रति आक्रोश है। क्योंकि सरकार की पूंजीवादी नीति से प्रदेश का गरीब व कमजोर तबका बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

ये भी देखें:500 की आबादी का गावः बदलते भारत की तस्वीर में नहीं, सदियों से तरस रहा रास्ते को

समाजवादी छात्रसभा का मानना है कि जहाँ मंहगी शिक्षा से गरीबों व मध्यमवर्गीय लोगों का पढ़ना मोहाल हो गया है वही निजीकरण से लोगों का रोजगार व आरक्षण छीना जा रहा है।

samjwadi chaatra sabha protest-7

सरकार द्वारा महंगी शिक्षा,निजीकरण,भ्रष्टाचार व पूंजीवाद को बढ़ावा देना जहाँ संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है वहीं दलित,पिछड़े व आदिवासी वर्गों के अधिकारों पर कुठाराघात है।

ये भी देखें: बड़ी जानकारी आई सामनेः इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है मास्क, एक्सपर्ट का दावा

दलितों,पिछड़ों,आदिवासियों व समाज के किसी भी कमजोर वर्ग के अधिकारों के खिलाफ किसी भी निर्णय का समाजवादी छात्रसभा उत्तर प्रदेश पुरजोर विरोध करती है।

samjwadi chaatra sabha protest-8

समाजवादी छात्रसभा का राज्‍यपाल से अनुरोध है कि सरकार को यह निर्देशित करें कि मंहगी शिक्षा,बेरोजगारी, निजीकरण, भ्रष्टाचार व आरक्षण पर हो रहे वार पर सरकार तत्काल रोक लगाए जिससे समाज के कमजोर व वंचित वर्गों के अधिकारों को संरक्षण मिलेगा वहीं समाज के वंचित तबके के लोगों का संवैधानिक मूल्यों में भरोसा मजबूत होगा।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी, लखनऊ



\
Newstrack

Newstrack

Next Story