TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: जहां साइट कर दी गई थी निरस्त, वहां फिर शुरू होगा बालू का खनन
Sonbhadra News: दुद्धी के पूर्व विधायक ने लगाए आरोप, सीएम-डीएम को भेजा पत्र, साइट संचालन के विरोध में बड़े आंदोलन का दिया अल्टीमेटम।
Sonbhadra News: सत्ता के साथ रहने के बाद भी वर्ष 2018-2019 में जंगल किनारे खोखा स्थित कनहर नदी में बालू खनन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व विधायक हरिराम चेरो ने एक बार फिर, यहां शुरू होने जाने जा रहे बालू साइट संचालन को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। भेजे गए पत्र में पूर्व में किए गए विरोध और हुए आंदोलन का जिक्र करते हुए, परोक्ष रूप से मामले को लेकर, पूर्व विधायक ने आंदोलन तक का अल्टीमेटम दे डाला है। अब इस पत्र का नतीजा क्या निकलता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल, विधायक रहने के समय, विरोध की ताल ठोंकने वाले हरिराम चेरो का यह विरोध, पूर्व विधायक के रूप में कितना समर्थन लेकर सामने आएगा? इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
पूर्व विधायक ने इन मसलों को बनाया है विरोध का आधार
हरिराम चेरो ने भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि जिस जगह बालू खनन की स्वीकृति दी गई है, वह एरिया सेंचुरी क्षेत्र से जुड़ी हुई है। साथ ही नेशनल हाइवे रीवा-रांची मार्ग से जंगल होते हुए, जो सड़क इस साइट से जुड़ी हुई है, उसकी अधिकतम भार क्षमता 15 टन होने का दावा किया गया है। इसको लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की तरफ से जानकारी देने की बात भी बताई गई है। कहा गया है कि जिस सड़क की अधिकतम भार क्षमता ही 15 टन की है। उस पर 35 से 55 टन तक की गाड़ियां कैसे गुजारी जाएंगी, इसको लेकर सवाल उठाए गए हैं।
आपत्ति के बाद पूर्व में साइट निरस्त करने का किया गया है जिक्र
पत्र में कहा गया है कि पूर्व में खोखा बालू साइड को सेंचुरी जोन से जुड़ा पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया था। वर्ष 2018 में पुनः खोखा बालू साइट संचालन की स्वीकृति दी गई, जिसके विरोध में 23 जनवरी 2019 को ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने आवाज बुलंद की थी। उसके बाद से संचालन बंद कर दिया गया था। बताया गया कि एक बार फिर से यहां बालू साइट संचालन की स्वीकृति की बात सामने आई है।
बालू खनन के लिए सड़क बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। साइट के संचालन की स्वीकृति निरस्त करने की मांग करते हुए, भारी वाहनों के आवागमन से वन्य जीवन पर असर पड़ने की भी संभावना जताई गई है और मामले की स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों से जांच करने और पूर्व में बंद किए गए संचालन को ध्यान में रखते हुए, कार्रवाई की मांग उठाई गई है। बता दें कि हरिराम चेरो भाजपा-अद एस गठबंधन से दुद्धी के विधायक रहे हैं। 2022 के चुनाव में उन्होंने अपना दल एस का साथ छोड़ बसपा का दामन थाम लिया था।