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इस खूबसूरत हिल स्टेशन को देखने के बाद भूल जाएंगे कश्मीर
हमारा देश प्रायद्वीप है इससे सब ज्ञात है। तो ये भी पता होगा कि यहां की हर जगह में गजब की कशिश है जोअपनी तरफ आकर्षित करते हैं। घूमने के लिए देश के किसी भ कोने में चले जाएं कुछ अलग और नया आपको मिलेगा ही। प्राकृतिक सौंदर्य छंटा सबको आकर्षिक करती है
गुजरात: हमारा देश प्रायद्वीप है इससे सब ज्ञात है। तो ये भी पता होगा कि यहां की हर जगह में गजब की कशिश है जोअपनी तरफ आकर्षित करते हैं। घूमने के लिए देश के किसी भी कोने में चले जाएं कुछ अलग और नया आपको मिलेगा ही। प्राकृतिक सौंदर्य छंटा सबको आकर्षिक करती है और इसके बीचों बीच रहना किसे अच्छा नही लगता है। हरे भरे जंगल,पहाड़,नदियां और झरनों के बीच रहने का अलग ही मजा है।
ऐसी ही एक सुंदर जगह है सापुतारा।गुजरात राज्य में स्थित यह सुंदर पहाड़ी कस्बा शहरी अशांति से बहुत दूर स्थित है। सापुतारा नासिक से सत्तर किलोमीटर दूर तथा सूरत से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जब बात गुजरात की होतो यहां के डांग जिले में स्थित सापुतारा समुद्र तल से 1000 फीट की ऊंचाई ओर स्थित है।यहाँ आस पास घूमने लायक कई जगह हैं आइये जानते हैं उन खूबसूरत जगहों के बारे में। यहां देखने लायक अन्य जगहों में शबरी फाल,गिरमाल फॉल,वाणी माता का मंदिर,सीतावन वंसदा राष्ट्रीय पार्क प्रमुख हैं।
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सापुतारा झील यहां पर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यहां आप बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं।यहाँ विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियो को भी देखा जा सकता है। इको पॉइंट यह जगह प्रकृति के अनुपम नजारे पेश करती है।यहां आप झरने,नदियों की गोद मे समय गुजार सकते हैं। अन्य दर्शनीय स्थानों में लुइस पॉइंट,चार्लोट पॉइंट,किंग जॉर्ज पॉइंट प्रमुख हैं।
वैली व्यू पॉइंट लगभग डेढ़ किलोमीटर की साहसिक चुनोती पूर्ण चढ़ाई आपको सापुतारा की चोटी तक ले जाएगी। यहां से आप पूरे सापुतारा को देख सकते हैं। यहां सनराइज़ पॉइंट भी देखने लायक है। सनसेट पॉइंट इसे गया गांधी शिखर के नाम से जाना जाता है।सूर्यास्त के समय यह स्थान फोटोग्राफी के लिए बहुत ही शानदार है। ऊपर से आदिवासी गाँव दिखाई देते हैं जो बहुत ही सुंदर लगते हैं।
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ट्राइबल म्यूजियम
इस संग्रहालय में आप आदिवासी लोगो के जीवन आए जुड़ी कई चीजें तथा उनकी जीवन शैली के बारे में ज्यादा जान सकते हैं।बैलगाड़ी,खेती के समान,विभिन्न पोशाक तथा मिट्टी के बर्तनों का सुंदर संग्रह यहां देखा जा सकता है।
जंगली क्षेत्र
सापुतारा हिल स्टेशन डांग जिले के जंगली क्षेत्र में स्थित है। यहां के जंगल मदहोश करने वाले हैं। टीक और बांस के पेड़ों से भरी यह वन संपदा कभी अंग्रेजों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी। ब्रिटिश हुकूमत इन जंगलों पर कब्जा करना चाहती थी लेकिन यहां के आदिवासी लोगों ने उनका सपना साकार नहीं होने दिया। यह जंगल घर है वर्ली, खुम्बी, भील और डांगी आदिवासी समाजों का।
कहते हैं ये लोग 8वीं से 10वीं शताब्दी के दौरान यहां आकर बसे और यहीं के होकर रह गए। खुद को जंगलपुत्र कहने वाला आदिवासी समाज इन जंगलों से अथाह प्रेम रखता है, जिसका असर इनके जीवन के हर पहलू पर आप देख सकते हैं। इनके वाद्य यंत्र बांस के बने होते हैं। इनके लोक नृत्यों में बांस के बने मुखौटों का प्रयोग किया जाता है। शरीर पर बने टैटू में भी पेड़ों की आकृति का उपयोग होता है।
नागों का वास'
ऐसी जगह जहां नाग बसते हैं और यह बात सच भी है। डांग के जंगलों में नागों की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। होली के मौके पर यहां के डांगी आदिवासी समाज द्वारा सर्पगंगा नदी के तट पर इन नागों की पूजा करता है। इसका प्रमाण यहां स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर से भी मिलता है। इस मंदिर की बड़ी मान्यता है।
हिंदू धर्म के अनुसार नागेश्वर महाराज नागों के ईश्वर माने जाते हैं। आम दिनों की अपेक्षा नाग पंचमी के दिन इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। वैसे, कहते हैं कि सापुतारा का इतिहास भगवान राम के समय से भी है। यहां के लोगों का मानना है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अपने वनवास के दौरान लंबे समय तक यहां रुके थे।