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सर्वशिक्षा अभियान का सच: पहले ही दिन स्कूल में बच्चों से करवाई गई मजदूरी
विद्यालय खुलने के पहले दिन ही ब्लॉक संसाधन केंद्र शिवगढ़ में खंड विकास अधिकारी रामललित वर्मा की नाक के नीचे विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों से मजदूरी कराई गई। किताबों के बंडल पिकअप में लोड कराए गए। पिकअप में किताबे लादते बच्चों की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई।
रायबरेली : प्रदेश में महीने भर की छुट्टी के बाद सोमवार को पहले दिन स्कूल खुला। कई जिलों में सरकार के मंत्रियों ने स्कूल चलो अभियान को हरी झंडी दिखाया। लेकिन यहां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में प्रशासन द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का वीडियो वायरल हुआ है।
सोमवार को जहां एक तरफ बेसिक शिक्षा विभाग 'सब पढें-सब बढें' का नारा देकर नौनिहालों का भविष्य संवारने का सपना दिखा रहा था।
वहीं दूसरी ओर विद्यालय खुलने के पहले दिन ही ब्लॉक संसाधन केंद्र शिवगढ़ में खंड विकास अधिकारी रामललित वर्मा की नाक के नीचे विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों से मजदूरी कराई गई। किताबों के बंडल पिकअप में लोड कराए गए। पिकअप में किताबे लादते बच्चों की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई।
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वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह बच्चे किताबों के बंडल सर पर उठाकर पिकअप में रख रहे है। वीडियो सुबह का है अगर स्कूल के समय में ये बच्चें किताबे ढो रहे है तो स्कूल में अध्यापक किसको पढ़ा रहे थे।
एनपीआरसी से किताबें स्कूल पहुंचाने का जिम्मा सेंटर कोऑर्डिनेटर को होता है। किताब पहुंचाने के लिए बजट भी होता है लेकिन स्कूली बच्चों से काम कराने के बाद ये अफसर बजट डकार जातें है।
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ये पूरा खेल बीएसए पीएन सिंह की शह पर होता है। इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह से बात की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया।