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योगी सरकार ने दी HC के आदेश को चुनौती, SC में कल होगी मामले की सुनवाई

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा।

suman
Published on: 11 March 2020 3:02 PM GMT
योगी सरकार ने दी HC के आदेश को चुनौती, SC में कल होगी मामले की सुनवाई
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लखनऊ: योगी सरकार ने लखनऊ में एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों की तस्वीर वाले होर्डिंग को हटाने के इलाहाबाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 12 मार्च को होग। बता दें कि लखनऊ में लगाई गई प्रदर्शनकारियों की तस्वीर वाले इन होर्डिंग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए इसे तत्काल हटाने का फैसला सुनाया था। योगी सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट ने ये आदेश जारी किया था। जिसे अब चुनौती दी गई है।

सरकार ने सूबे की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को प्रदर्शनकारियों के पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे।

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इसमें प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें लगाई गई थीं और नाम लिखे गए थे। लखनऊ के सभी प्रमुख चौराहों पर कुल 100 होर्डिंग्स लगाए गए थे। जिन लोगों के पोस्टर लगाए गए थे, वो सभी लोग लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इससे पहले प्रशासन ने 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इन सभी लोगों को नोटिस भेजा था।

दरअसल, नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले थे। इस दौरान उपद्रवियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों की पहचान की थी और नुकसान की भरपाई करने के लिए होर्डिंग लगाए थे।

लखनऊ में प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने की घटना का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और फौरन इनको हटाने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा ने अपने आदेश में कहा था कि लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर 16 मार्च तक होर्डिंग्स हटवाएं। इसके साथ ही होर्डिंग हटाने की जानकारी रजिस्ट्रार को दें। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों को हलफनामा भी दाखिल करने को कहा था।

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हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। लिहाजा योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब इस मामले में गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं। लिहाजा अभी से सभी की निगाह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिक गई है।

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