सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बोले राहुल, वह इकलौते ऐसे थे जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे

कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और कमलनाथ से नाराजगी की वजह से पार्टी छोड़ दी।

Dharmendra kumar
Published on: 11 March 2020 12:30 PM GMT
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बोले राहुल, वह इकलौते ऐसे थे जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे
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नई दिल्ली: कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और कमलनाथ से नाराजगी की वजह से पार्टी छोड़ दी। ऐसी कई जानकारियां सामने आईं थीं, जिनमें यह कहा गया था कि ज्योतिरादित्य आलाकमान से मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वक्त नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने ऐसे किसी भी बात से इंकार किया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर चुप्पी तोड़ी है। समय न देने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि ज्योतिरादित्य ही केवल ऐसे थे जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे। वे मेरे साथ कॉलेज में भी रहे हैं।

बता दें कि कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया की गितनी राहुल गांधी के सबसे करीबी नेताओं में की जाती थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के अच्छे संबंध रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ले ली।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस आलाकमान पर समय न देने का भी आरोप लगाया था। दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया कि सिंधिया ने पार्टी छोड़ने से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें इसके लिए समय नहीं दिया गया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की गितनी हमेशा से कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता के तौर पर की जाती रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं।

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लोकसभा चुनावों से लेकर अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया स्टार प्रचारकों में शामिल हुआ करते थे। साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी रह-रहकर सामने आ रही थी।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया भी खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर देख रहे थे। कमलनाथ भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर रहे थे और कई घंटों तक चली उठा-पटक के बाद कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान दी गई थी।

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