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सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्कूल प्रबंधकों ने किया विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला

आये दिन स्कूलो बसों से हो रहे हादसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। जिससे बसों के संचालन के लिए बसों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके।

Aradhya Tripathi
Published on: 23 Feb 2020 4:05 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्कूल प्रबंधकों ने किया विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
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सिद्धार्थनगर: आये दिन स्कूलो बसों से हो रहे हादसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। जिससे बसों के संचालन के लिए बसों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके। ताकि दुर्घटना होने पर बच्चों के साथ कोई घटना न घट सके। कोर्ट ने ये फैसला स्कूलों द्वारा ओवरलोडिंग करके तय मानकों के विपरीत चालाई जा रही बसों पर रोंक लगा कर बच्चों के सुरक्षित करने के लिए लिया गया है।

कोर्ट के आदेश के संबंध में सिद्धार्थनगर परिवहन विभाग के द्वारा सभी स्कूल प्रबन्धको को एक नोटिस जारी करके अपनी अपनी बसों के साथ आज जेल के सामने आने को कहा गया था। जिसमें जांच करके उनके कमियों को दूर करने की बात कही थी।

स्कूल प्रबन्धको ने जताया विरोध

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आज स्कूल प्रबन्धको ने सिद्धार्थनगर परिवहन विभाग के नोटिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटिस में केवल जांच करके हिदायत देने की बात कही गई थी। साथ ही सभी गाड़ियों को सही करने का समय भी देने की बात कही गई थी। लेकिन यहाँ आने के बाद से सभी गाड़ियों का चालान किया जा रहा है। वही वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से स्कूल प्रबन्धको पर ज्यादिती की जा रही है।

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पहले ही दी जा चुकी है हिदायत

वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षक संघ ने स्कूल प्रबंधकों का पक्ष लेते हुए कहा कि प्रबंधकों को कम से कम 15 दिनों का समय देना चाहिए था। यह न करके आज ही चालान किया जा रहा है। अगर इस पर रोक नही लगाई गई तो उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की जाएगी। वही परिवर्तन अधिकारी ने बताया कि सभी को पहले से ही हिदायत दे दी गई थी। जिन बसों में कमी पाई ज रही हैं उन्हीं बसों का चालान किया जा रहा है। जिससे बसों को पूरी तरह से दुर्घटना मुक्त बनाया जा सके।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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