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ठंड में सजी स्कूलों में क्लास-ठिठुरते रहे बच्चे, कागज पर चल रहा शासन का निर्देश
इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण लाल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के चलते कुछ विद्यालय खुले हैं। लेकिन वहीं पर कुछ विद्यालय ऐसे भी पता चले हैं जहां पर बोर्ड परीक्षा नहीं है ऐसे विद्यालयों की जांच की जा रही है और सत्यता पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।
असगर नकवी
अमेठी: शीतलहर और कड़ाके की ठंड को देखते हुए सरकार ने प्राइमरी से लेकर इंटर और डिग्री कालेज तक के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दे रखा है। लेकिन सरकार का ये निर्देश जिले में बेमानी साबित हो रहा है। स्कूल प्रशासन मनमाने तरीके से स्कूल खोलकर कक्षाएं संचालित कर रहे हैं।
रियलिटी चेक में पता चला ये
जिले के कई स्कूलों में कहीं पर बोर्ड परीक्षा के नाम पर विद्यालय खुले चलाए हैं तो कहीं पर विद्यालय संगठन के निरीक्षण के नाम पर। कई विद्यालय तो ऐसे हैं जिनमें अभी तक जितनी छुट्टियां हुई है उनमें से एक दिन भी विद्यालय बंद नहीं हुआ है। रियलिटी चेक में पता चला जिन बच्चों की बोर्ड परीक्षा में प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं दी है उन बच्चों की क्लासेज चल रही है ऐसे में विद्यालय प्रशासन द्वारा बताया गया कि विद्यालय संगठन का निरीक्षण होना है इसलिए बच्चों को बुलाया गया है।
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शिक्षा महकमे के जिम्मेदारों ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन ऐसे में यदि किसी भी बच्चे के साथ कोई हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा विद्यालय प्रशासन अथवा जिला प्रशासन इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण लाल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के चलते कुछ विद्यालय खुले हैं। लेकिन वहीं पर कुछ विद्यालय ऐसे भी पता चले हैं जहां पर बोर्ड परीक्षा नहीं है ऐसे विद्यालयों की जांच की जा रही है और सत्यता पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।