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बुन्देलखण्ड में हाहाकार: किसानों पर मंडराया बीज का संकट, पढ़ें पूरी खबर

कोटी चमरऊआ के किसान केहर राजपूत कहते है कि कोरोना से हुए सम्पूर्ण लॉक डाउन में कोई भी रोजगार नही मिला जो फसल खरीफ में उगाई है बह सूखे के कारण नष्ट हो गयी जिसके कारण आज रवी की फसल में बीज लेने के लाले पड़ गये है।

Newstrack
Published on: 1 Nov 2020 1:44 PM IST
बुन्देलखण्ड में हाहाकार: किसानों पर मंडराया बीज का संकट, पढ़ें पूरी खबर
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बुन्देलखण्ड में हाहाकार: किसानों पर मंडराया बीज का संकट, पढ़ें पूरी खबर (Photo by social media)

झांसी: इस वर्ष देश के अधिकतर किसान मुश्किलों से जूझ रहे है पहले तो कोरोना कोविड-19 लाइलाज बीमारी ने किसानों की कमर तोड़ दी लाॅक डाउन के चलते न तो बह खरीफ की फसल ले पाये और न ही कोई रोजगार कर पाये जिसके कारण उनकी आजीविका में तो फर्क आया ही है साथ ही उनके सगे सम्बन्धियों के पलायन में बापिस आ जाने के कारण उनकी तो कमर ही टूट गयी। इस वर्ष मानसूनी वारिश न होने के कारण सिचाई का संकट भी किसानो पर आ पड़ा रवी की फसल में किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है जिससें बुबाई के लिए बीज के संकट से झूझ रहे है।

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कोटी चमरऊआ के किसान केहर राजपूत कहते है

कोटी चमरऊआ के किसान केहर राजपूत कहते है कि कोरोना से हुए सम्पूर्ण लॉक डाउन में कोई भी रोजगार नही मिला जो फसल खरीफ में उगाई है बह सूखे के कारण नष्ट हो गयी जिसके कारण आज रवी की फसल में बीज लेने के लाले पड़ गये है।

खजराहा खुर्द के किसान सुभाष ने कहते है कि वर्षाकाल में वारिस न होने के कारण खरीफ की फसल में अच्छा उत्पादन नही हुआ जिससे रवी की फसल में बीज,खाद्य लेने के लिए कर्जा लेने की नौबत आ पडी है। खजराहा बुजुर्ग की महिला किसान जयकुवॅर कहती है कि फलदार फसल लेती थी लेकिन इस लॉक डाउन के कारण कोई व्यापारी ने मेरी फलदार फसल को खरीदा न ही मे बाजार में जाकर बेंच सकी जिसके कारण आज मेरे घर की स्थिति खराब है और आगे की फसल के बीज खाद् व दवाओं के लिए पैसा नही है।

jhansi-farming jhansi-farming (Photo by social media)

सामाजिक कार्यकर्ता आकाश यादव कहते है

सामाजिक कार्यकर्ता आकाश यादव कहते है कि किसान आज रवी की फसल लेने के लिए आत्मनिर्भर नही है न तो कोरोना के कारण आये हुए अनिश्चितकालीन संकट ने किसानों को खरीफ की फसल तो बर्बाद किया ही है अगर उनको इस रवी की फसल में गुणवत्ता युक्त बीज जो उनके क्षैत्र में नही हो रहा है। जिसका प्रमुख कारण किसानों की कृय शक्ति प्रभावित हुई है आज किसान रवी की फसल के लिए खाद, बीज उपलब्ध नही करा पा रहा है जिससे उसकी बुबाई समय से नही हो पा रही है।

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वहीं, जल सहेली मीरा देवी कहती है कि बुन्देलखण्ड में किसानों को सरकार को इस वर्ष उन्नतशसील बीज उपलब्ध कराना चाहिए किसान बीज की जगह अनाज बो रहे है। उधर, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जल जन जोडो अभियान बीर डा0 संजय सिंह बताते है कि इस वर्ष बुन्देलखण्ड में 54 प्रतिशत कम बारिस हुई है सूखे के हालात बन रहे आगे सिंचाई का बहुत संकट आने बाला है रवी की फसल को लेकर अभी से संका मडराने लगी है।

बी.के.कुशवाहा

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