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यहां हुआ 'महिला सशक्तिकरण' पर संगोष्ठी का आयोजन, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को खत्म करके और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं को समाप्त कर सरकार ने महिलाओं के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है ।

SK Gautam
Published on: 5 March 2020 3:19 PM GMT
यहां हुआ महिला सशक्तिकरण पर संगोष्ठी का आयोजन, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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लखनऊ: प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को खत्म करके और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं को समाप्त कर सरकार ने महिलाओं के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढाओं का आंदोलन शुरु कर जहां एक ओर लैंगिक विषमता को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया वही महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाया।

देश में लैंगिक अनुपात का आंकड़ा सुधरा है

देश के 15 केंद्रीय विश्वविद्दालयों में महिला सशक्तिकरण पर संगोष्ठियों का आयोजन बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासो से आज देश में लैंगिक अनुपात का आंकड़ा सुधरा है । मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला की चर्चा करते हुए मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि इससे बेटियां अब परिवार में बोझ नहीं मानी जायेंगी और उनकी उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाये है।

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कुलपति प्रोफेसर डा. संजय सिंह ने कहा कि भारतीय समजा के ताने बाने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां महिलाओं को देवी के रुप में पूजा जाता है। यह एक विसंगति है कि आज समाज में महिलाओं की दशा और दिशा को लेकर विचार करना पड़ रहा है। कुलपति ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि इस संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्र से जुडे विद्दवान महिलाओ के विकास को लेकर चिंतन कर रहे है। लेकिन इसकी सार्थकता तभी होगी जब इसका फायदा जमीनी स्तर पर महिलाओं को मिले।

उन्होंने कहा कि विश्विविद्दालय की ओर से एक गांव गोद लिया जाए और वहां पर महिलाओं की विकास की दिशा में कार्य किया जाये।संगोष्ठी में विचार व्यकत करते हुए प्रोफेसर डी एच द्वेदी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी करीब 80 फीसदी है लेकिन फिर भी इनके हिस्से में संपत्ति लगभग 14 प्रतिशत ही है।

महिलाओं को परिवार की मुखिया बनाने पर जोर

उन्होंने कहा कि जोत में महिलाओं को नाम आवश्यक रुप से डाला जाना चाहिये। इसके लिए सरकार को कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी जो मकान आवंटित किए जाए अथवा सरकार की जो विभिन्न समाज कल्याण से जुड़ी योजनाये है उन्हें लागू करते समय महिला को परिवार की मुखिया करार देने की आवश्यकता है। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए डा. प्रीति चौधरी ने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को विशेष रुप से प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष रुप से स्कालरशिप की व्यवस्था की जानी चाहिये।

डा. चौधरी ने कहा कि विज्ञान विषय में महिलाओ को दक्षता पे सामाजिक विकास को नए पंख लगेंगे ।डा. शुभिनि सर्राफ ने महिला स्वास्थय और पोषण पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया ।कई अनछुए पहलुओं को स्पर्श करते हुए उन्होंने कहा कि महिला स्वास्थय की दिशा में अभी भी बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। डा. शुभिनि ने कहा कि सरकार ने मिशन इंद्रधनुष PMSMA जैसी योजनाये शुरु की है।इनका लाभ वास्तविक अर्थों में समाज के कमजोर तबके तक पहुंचे। यह एक बड़ी चुनौती है ।

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प्रोफेसर सुफिया अहमत ने तीन तलाक के मुद्दे को प्रसंसनीय कदम बताया

प्रो. सुदर्शन वर्मा ने महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा को अनिवार्य बताया और कहा कि प्राथमिक शिक्षा की मजबूत नींव के साथ ही उच्च शिक्षा के विभिन्न आयामों के साथ महिलाओ को जोड़कर उन्हें सबल बनाया जा सकता है। प्रोफेसर सुफिया अहमत ने तीन तलाक पर सरकार के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे महिलाओं की समाजिक सुरक्षा बढी है और उन्हें सम्मान मिला है।प्रोफेसर यूवी किरन ने सरकार की कौशल विकास कार्यक्रम की चर्चा की औऱ कहा कि इससे महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढने का मौका मिला है।

इससे पहले पीआईबी के अपर महानिदेशक आर.पी.सरोज ने विषय की स्थापना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत देश के 15 केंद्रीय विश्वविद्दालयों में महिला सशक्तिकरण पर संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 17 तारीख को फिर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्दालय में यूजीसी की ओर से महिलाओं के विकास पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।

पीआईबी के उपनिदेशक डा. कांत श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत और संचालन किया जबकि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्विविद्दालय जनसंपर्क अधिकारी ड़ा. रचना गंगवार अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।समस्त कार्यक्रम को संयोजन पीआईबी के मीडिया और संचार अधिकारी सुंदरम चौरसिया और उनकी टीम ने किया ।

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