×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

वरिष्ठ पत्रकार और विचारक वेद प्रताप वैदिक का निधन, 78 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Ved Pratap Vaidik: वेद प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक के रूप में जुड़े हुए थे।

Anant Shukla
Published on: 14 March 2023 9:09 PM IST
वरिष्ठ पत्रकार और विचारक वेद प्रताप वैदिक का निधन, 78 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
X

Ved Pratap Vaidik News: वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन हो गया है। उन्होंने 78 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वे राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे। वेद प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक के रूप में जुड़े हुए थे। वह नवभारत टाइम्स में संपादक थे और वैदिक भारतीय भाषा सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष थे। वे न्यूजट्रैक के लिए भी नियमित रूप से स्तंभ लिखा करते थे। न्यूजट्रैक की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि।

वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में पीएचडी की। इसके बाद चार साल तक दिल्ली में ही अध्यापक रहे। दर्शनशास्त्र और राजनीतिशास्त्र में उनकी काफी दिलचस्पी थी।

इन भाषाओं के जानकार थे वैदिक

वेद प्रताप वैदिक संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी, रूसी और अंग्रेजी जैसे कई भाषाओं के जानकार थे। उन्होने कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, लंदन ओरिजिनल स्टडी इंस्टीट्यूट, मॉस्को एकेडमी ऑफ साइंस और काबुल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। इसके बाद हिन्दी पत्रकारिता के युगारंभ में लग गए।

प्रूफ रीडर के रूप में शुरू की पत्रकारिता

हिन्दी पत्रकारिता के नए युगारंभ में वैदिक का नाम अग्रणी है। उन्होने पत्रकारिता की शुरूआत 1958 में प्रूफ रीडर के रूप में शुरू की थी। नवभारत टाइम्स में सहसम्पादक फिर सम्पादक के रूप में करीब 12 साल काम किए। करीब 10 वर्ष तक पीटीआई-भाषा के संस्थापक संपदक के रूप में काम किए। उनके लेख न्यूजट्रैक व अन्य कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे।

मीडिया व भाषा के क्षेत्र में मिले कई पुरस्कार

डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए कई सम्मान दिए गए। जैसे- विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय जैसे कई सम्मान से उन्हे नवाजा गया। वे कई संस्थाओं और संगठनों से भी जुड़े रहे।



\
Anant Shukla

Anant Shukla

Next Story