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सपा के दिग्गज नेता का निधन, मुलायम सिंह के थे करीबी, पार्टी में शोक की लहर
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार में कई बार मंत्री रहे शाकिर अली का रविवार निधन हो गया। 67 वर्षीय सपा नेता करीब 1 महीने से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर आते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार में कई बार मंत्री रहे शाकिर अली का रविवार निधन हो गया। 67 वर्षीय सपा नेता करीब 1 महीने से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर आते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई।
डायबिटीज के मरीज शाकिर अली किडनी की बीमारी से ग्रसित थे। तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। परिजनों के अनुसार 10 बजे तक उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव करजहां पहुंचेगा। शाम को 4 बजे उन्हें पैतृक गांव में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।
देवरिया के करजहां गांव के रहने वाले शाकिर अली ने बीएचयू से स्नातक किया। बनारस में भी वे सक्रिय रहे। वहां से लौटने के बाद क्षेत्र में सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने लगे।
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उन्होंने 1989 व 1991 में गौरीबाजार से निर्दलीय चुनाव लड़ा। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में गौरीबाजार सीट बसपा के खाते में गई। शाकिर अली बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत गए। प्रदेश में सपा-बसपा की सरकार बनी। इसी सरकार में बाद में शाकिर अली शिक्षा मंत्री बने। गठबंधन टूटने व सरकार गिरने के बाद वे सपा में शामिल हो गए। उसके बाद से वह सपा में ही रहे।
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इस बीच 1996 के साथ ही वर्ष 2000 में गौरीबाजार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2002 में वे सपा के टिकट पर गौरीबाजार से दूसरी बार विधायक बने तथा सरकार में लघु सिंचाई मंत्री बने। 2007 में पराजित हो गए।
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इसके बाद फिर परिसीमन में गौरीबाजार विधानसभा समाप्त हो गई। पथरदेवा विधानसभा बनी। 2012 में सूर्यप्रताप शाही को हराकर पथरदेवा से विधायक बने। हालांकि इस बार पार्टी ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया।