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शबनम की मुस्कराहट पर हुई कार्रवाई, फोटो वायरल होने पर दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

फांसी से चंद कदम दूर शबनम की हंसी ने प्रशासनिक व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। हालांकि रामपुर जेल से उसकी मुस्कराती हुई फोटो वायरल होने के बाद दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

raghvendra
Published on: 2 March 2021 7:04 AM GMT
शबनम की मुस्कराहट पर हुई कार्रवाई, फोटो वायरल होने पर दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
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photo soshal media

लखनऊ। फांसी से चंद कदम दूर शबनम की हंसी ने प्रशासनिक व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। हालांकि रामपुर जेल से उसकी मुस्कराती हुई फोटो वायरल होने के बाद दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही शबनम को रामपुर जेल से हटाकर बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। बता दें कि अमरोहा के बावनखेड़ी की रहने वाली शबनम ने 13 वर्ष पहले प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी थी।

रामपुर जेल से वायरल हुई थीं तस्वीरें

इस संदर्भ में रामपुर जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया का कहना है कि शबनम की कुछ तस्वीरें 26 जनवरी को जेल से वायरल हुई थीं। इसकी जांच कराने पर ये तस्वीरें सही पाई गई। इसके बाद इस मामले में दो बंदी रक्षकों- महिला सिपाही नाहिद बी और सिपाही शुएब को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। इसी के साथ ही शबनम को बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया है।

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शबनम ने की थी परिवार के 7 सदस्यों की हत्या

13 वर्ष पहले शबनम ने मौत का जो तांडव मचाया था उसको याद करके लोग आज भी सिहर जाते हैं। 15 अप्रैल, 2008 को शबनम अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, अम्मी हाशमी, भाई अनीस अहमद और राशिद, अनीश की पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया के साथ ही 10 महीने के भतीजे अर्श की हत्या कर दी थी। शबनम ने मारने से पहले परिवार के सदस्यों को दवा देकर बेहोश कर दिया और बाद में भतीजे अर्श को छोड़कर बाकी सदस्यों को कुल्हाड़ी से काट डाला। इसके बाद उसने अर्श की भी गला दबाकर हत्या कर दी।

शादी को राजी नहीं थे परिवार वाले

इस मामले में जांच में पता चला था कि शबनम प्रेगनेंट थी और उसके परिवार वाले उसके प्रेमी सलीम के साथ उसकी शादी करने को तैयार नहीं थे। इसी के चलते शबनम अपने प्रेमी के साथ मिलकर पूरे परिवार की हत्या कर दी। हत्या के आरोप में जेल में बंद शबनम ने 14 दिसंबर, 2008 को बेटे को जन्म दिया। कानून उसका बेटा पांच साल तक जेल में उसके साथ ही रहा था। 15 जुलाई, 2015 को उसके बेटे को उससे अलग करते हुए जेल से बाहर कर दिया गया। हालांकि शबनम ने अपने बेटे को अपने कॉलेज मित्र उस्मान सैफी के पास छोड़ा है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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