शामली: बैंक हड़ताल से 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

दरअसल आपको बता दें मामला जनपद शामली का है, जिले में संचालित राष्ट्रीय कृत बैंकों की 100 शाखाओं में कर्मचारियों निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे इस हड़ताल से एक ही दिन में लगभग 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है।

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Published on: 16 March 2021 6:02 AM GMT
शामली: बैंक हड़ताल से 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित, सरकार के खिलाफ नारेबाजी
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शामली: बैंक हड़ताल से 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित, सरकार के खिलाफ नारेबाजी (PC: social media)

शामली: जिले की 100 बैंक शाखाओं में रही हड़ताल 3 दिन से बैंक बंद होने से गहराया नकदी का संकट यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक ऑफ यूनियस के आह्वान पर बैंकों की हड़ताल के कारण 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। 3 दिन से बैंक बंद होने से जिले में नकदी का संकट गहरा गया है। एटीएम में नकदी नहीं होने के कारण लोग निराश लौटते रहे है।

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आपको बता दें मामला जनपद शामली का है

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दरअसल आपको बता दें मामला जनपद शामली का है, जिले में संचालित राष्ट्रीय कृत बैंकों की 100 शाखाओं में कर्मचारियों निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे इस हड़ताल से एक ही दिन में लगभग 50 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है। लोगों के पास नकदी का संकट रहा शादी सीजन होने के कारण लोग परेशान हैं। अधिकांश एटीएम में नकदी नहीं होने पर ठप रहे लोग एटीएम तक जाते और निराश लौट जाते बैंक शाखाओं पर सुबह से ही हड़ताल के नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं।

भविष्य के निजी बैंक को फेल होने से इसमें जमा राशि सुरक्षित नहीं होगी

बैंक कर्मचारियों ने यूपी बैंक एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले एमएसके रोड स्थित एसबीआई शाखा पर प्रदर्शन किया। यूनियन के जिला संयोजक विपिन कुमार पुनिया ने कहा भारत में पूर्व में भी कई निजी बैंक फेल हो चुके हैं। भविष्य के निजी बैंक को फेल होने से इसमें जमा राशि सुरक्षित नहीं होगी। निजी करण के बाद बैंक में जमा धनराशि का धीरे-धीरे पूंजीपतियों की मनमर्जी से उपयोग होगा। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

shamli-matter shamli-matter (PC: social media)

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निजी करण से प्राइवेट बैंकों में आम आदमी का प्रवेश कम हो जाएगा तथा छोटी बचत के खाते नहीं खुलेंगे तथा छोटे व्यापारी को ऋण नहीं मिलेगा। बैंकों में 10 लाख कर्मचारी कार्य करत है निजी करण होने से सांसों में कर्मचारियों की भारी कमी होगी तथा बेरोजगारी की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी। हंगामा कर रहे बैंक कर्मचारियों ने जो सरकार निकम्मी है, वह सरकार बदलनी है के जमकर नारे लगाए और वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

रिपोर्ट- पंकज प्रजापति

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