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राजनाथ ने खिलाया था महेंद्र टिकैत को निवाला, एक बयान के इंतजार में किसान
Newstrack.Com एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहा है, जिसने भारतीय किसान यूनियन संगठन के निर्माण से लेकर और स्व० महेंद्र सिंह की आखरी सांसो तक उनका साथ दिया है। वही साल 2010 में महेंद्र सिंह टिकैत की मौत के बाद भारतीय किसान यूनियन का दामन छोड़ दिया।
शामली- 26 जनवरी को दिल्ली में हुए बवाल ने जहां एक राजनीतिक रुप ले लिया है। तो वहीं अब किसानों की पंचायत होना भी शुरू हो गई है। Newstrack.Com एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहा है, जिसने भारतीय किसान यूनियन संगठन के निर्माण से लेकर और स्व० महेंद्र सिंह की आखरी सांसो तक उनका साथ दिया है। वही साल 2010 में महेंद्र सिंह टिकैत की मौत के बाद उस शख्स ने भारतीय किसान यूनियन का दामन छोड़ दिया था। लेकिन दिल्ली में राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखने के बाद वह 10 साल बाद पहली बार भारतीय किसान यूनियन की मुजफ्फरनगर पंचायत में शामिल।
भाकियू के निर्माण से महेंद्र सिंह टिकैत की आखिरी सांस तक साथ रहे शहन्द्र सिंह
हम बात कर रहे हैं शहन्द्र सिंह की। आज शहन्द्र सिंह ने शामली में अपने समय को याद करते हुए कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने गले लगाते हुए अपने हाथों से खाना खिलाया था। वही राजनाथ सिंह अगर 26 जनवरी से पहले अपना बयान दे देते तो आज किसानों का यह हाल ना होता।
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बता दे कि 26 जनवरी की घटना से किसानों में भी आक्रोश है। ऐसे में अब शामली के गांव भैंसवाल में 5 फरवरी को महापंचायत करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी शामिल होंगे।
शामली में खाप पंचायत का आयोजन
दरअसल, आज जनपद शामली के गांव भैंसवाल में बत्तीसा खाप चौधरी की एक पंचायत हुई है। जिसमें उन्होंने 5 फरवरी को जनपद शामली में महापंचायत का आगाज किया गया। वहीं यह पंचायत दिल्ली में हुए किसानों के ऊपर अत्याचार और राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखने के बाद की गई है।
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5 फरवरी को महापंचायत का एलान, जयंत चौधरी होंगे शामिल
गांव भैंसवाल में की गई पंचायत में सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर महापंचायत करने का आगाज किया है। 5 फरवरी को होने वाली महापंचायत में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पहुंचेंगे।
इस दौरान आज भारतीय किसान यूनियन संगठन का जिस दिन निर्माण हुआ था, उस दिन से लेकर महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु तक साथ रहे शहन्द्र सिंह पूर्व भारतीय किसान यूनियन सचिव से मुलाकात हुई। उन्होंने अपने 24 साल के भारतीय किसान यूनियन के साथ बिताए समय को याद करते हुए बताया कि मैने महेंद्र सिंह टिकैत का सन 1986 से लेकर 2010 तक उनका साथ दिया है।
राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देख शहन्द्र सिंह किसान आंदोलन में हुए शामिल
साल 2010 में महेंद्र सिंह टिकैत की मौत हो गई थी। जिसके बाद से उन्होंने भारतीय किसान यूनियन का दामन छोड दिया था। लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में हुए बवाल के बाद जब उन्होंने राकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखे तो फिर से किसानों के लिए उनका मन पसीज गया। जिसके चलते वह 2010 के बाद 10 साल में पहली बार भारतीय किसान यूनियन की किसी पंचायत में गए थे।
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राजनाथ सिंह और महेंद्र टिकैत का सुनाया किस्सा
उन्होंने स्व० महेंद्र सिंह टिकैत को याद करते हुए कहा कि राजनाथ सिंह ने महेंद्र सिंह टिकैत को अपने गले लगाते हुए अपने हाथों से खाना खिलाया था। यदि 26 जनवरी से पहले राजनाथ सिंह एक बयान दे देते तो आज किसानों के साथ ऐसा ना होता। वही अब किसानों में इस कदर आक्रोश बढ़ गया है कि चारों तरफ किसानों की महापंचायत होना शुरू हो गई है।
पंकज प्रजापति
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