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किसान आंदोलन: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, इन 14 जिलों में इंटरनेट पर रोक
हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में इंटरनेट की सेवाओं पर रोक लगाई गई है।
चंडीगढ़: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा की खट्टर सरकार ने इंटरनेट बैन की समय सीमा को बढ़ा दिया है। हरियाणा सरकार ने इंटरनेट बैन की सीमा 1 फरवरी शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया है।
हरियाणा के 14 जिलों में इंटरनेट की सेवा बंद रहेगी। इससे पहले 17 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पर रोक लगाई गई थी। हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में इंटरनेट की सेवाओं पर रोक लगाई गई है।
लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंगी खाप पंचायतें
अब हरियाणा की अलग-अलग खाप पंचायतों ने सरकार के इंटरनेट बैन के फैसले के बाद बड़ा ऐलान किया है। खाप पंचायतों ने इन जिलों में किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंगे।
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जींद जिले की 17 खाप पंचायतों ने कृषि कानूनों पर अपनी बात किसानों तक पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। किसान नेता जिले के 306 गांवों तक इसके जरिए अपनी बात पहुंचा सकते हैं। इन लाउडस्पीकरों को इन गांवों के मंदिरों पर लगाया गया है।
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जींद-पटियाला हाईवे पर खटकर टोल प्लाजा के पास खाप पंचायत बुलाई गई थी जिसमें हजारों की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। इसमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुईं।
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किसानों ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को कहा कि फोन कॉल से बात नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार इस मामले को लेकर सीरीयस नहीं है। पंढेर ने कहा कि हम कभी भी बातचीत से पीछे नहीं हटे हैं। पंढेर ने नए कानून 18 महीने सस्पेंड रखने की सरकार की ओर से की गई पेशकश को खारिज कर दिया है। उन्होंने पूछा कि दिल्ली पुलिस ने इतनी बैरिकेडिंग क्यों की है? उन्होंने कहा कि इसके पीछे भी साजिश है।
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