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फोर्ब्स मैगजीन में टाॅप 9 पर, अब शिखा के नाम से जाना जायेगा सहारनपुर का नाम

नकुड़ में डाॅ. नरेश चंद्र शर्मा के घर वर्ष 1962 में जन्मी शिखा तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नकुड़ एवं ननिहाल मंडावर ( बिजनौर) में हुई। जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर (एम ए संस्कृत) शिक्षा उन्होंने मुन्नालाल गल्र्स काॅलेज सहारनपुर से हासिल की।

SK Gautam
Published on: 7 May 2019 10:59 AM GMT
फोर्ब्स मैगजीन में टाॅप 9 पर, अब शिखा के नाम से जाना जायेगा सहारनपुर का नाम
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सहारनपुर: विश्व की सुप्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स ने मई के अपने ताज़ा अंक में शिखा तिवारी को प्रमुख स्थान देते हुए उनका प्रोफाइल प्रकाशित किया है। सहारनपुर के कस्बा नकुड की शिखा तिवारी ने पूरे विश्व में सहारनपुर का नाम रोशन किया है। फोर्ब्स ने प्रबंधन के क्षेत्र में भारत के 100 ‘ग्रेट पीपल मैनेजर्स’ की एक सूची प्रकाशित की है। फोर्ब्स ने पहली बार ये कैटेगरी शुरु की है। इस कैटेगरी में टाॅप 12 लोगों की व्यक्तिगत प्रोफाइल छापी गयी है। इसमें शिखा तिवारी को 9 वें नंबर और पृष्ठ 64 पर सचित्र स्थान दिया गया है। शिखा तिवारी सहारनपुर कांग्रेस के जिला प्रवक्ता गणेशदत्त शर्मा की बड़ी बहन हैं।

नकुड़ में डाॅ. नरेश चंद्र शर्मा के घर वर्ष 1962 में जन्मी शिखा तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नकुड़ एवं ननिहाल मंडावर ( बिजनौर) में हुई। जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर (एम ए संस्कृत) शिक्षा उन्होंने मुन्नालाल गल्र्स काॅलेज सहारनपुर से हासिल की।

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इसके बाद उन्होंने पीएचडी मेरठ विश्वविद्यालय से और हिन्दी में एम ए बैंगलौंर विश्वविद्यालय से किया। शिखा वर्ष 2002 से बैंगलूरु के टी जाॅन काॅलेज से संबद्ध है, पहले वह इस काॅलेज में प्रोफेसर और गत सात वर्ष से इसी काॅलेज में प्रधानाचार्य पद को सुशोभित कर रही हैं।

फोर्ब्स ने संपूर्ण भारत के 408 संस्थानों, प्रतिष्ठानों के 5233 प्रबंधकों को सूचीबद्ध कर उनमें से श्रेष्ठता के आधार पर 100 लोगों का चयन किया है। पत्रिका ने अपने नियमानुसार इन 100 लोगों की चयन प्रक्रिया में सात माह का समय लगाया है। फोर्ब्स पत्रिका ने अपनी चयन प्रक्रिया का पूरा विवरण भी इस अंक में प्रकाशित किया है।

चयन प्रक्रिया के दौरान शिखा तिवारी से साक्षात्कार में उनसे फोर्ब्स पत्रिका द्वारा कई प्रश्न पूछे गए, जिनका उन्होंने संतोषजनक उत्तर दिया लेकिन ‘प्रत्येक संबंधित व्यक्ति तक उनकी पहुंच और आत्मानुशासन ’ को लेकर उन्होंने जो भाव व्यक्त किये, उन्होंने ही उन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचाया है।

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उनकी इस उपलब्धि पर सहारनपुर के साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों, डाॅ. शिप्रा बनर्जी, डाॅ. एन सिंह, डाॅ. वीरेन्द्र आज़म, गीतकार राजेन्द्र राजन, डाॅ. वीरेन्द्र शर्मा शम्मी, डाॅ. एस के उपाध्याय, डाॅ. अनिल वर्मा, डाॅ. पीके शर्मा, डाॅ. विजेन्द्रपाल शर्मा, सुरेश सपन, डाॅ ओ पी गौड़, विनोद भृंग व हरिराम पथिक आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।

SK Gautam

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