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पंचतत्व में विलीन हो गए श्रीराम जन्मभूमि के पक्षकार रमेशचन्द्र
राम जन्मभूमि के पक्षकार रहे 84 वर्षीय रमेशचंद्र त्रिपाठी का सोमवार रात निधन हो गया। इससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने क्षेत्र के लिए गणमान्य नागरिकों का तांता लगा रहा।
अम्बेडकर नगर: श्रीराम जन्मभूमि के पक्षकार रहे 84 वर्षीय रमेशचंद्र त्रिपाठी का सोमवार रात निधन हो गया। इससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने क्षेत्र के लिए गणमान्य नागरिकों का तांता लगा रहा।
मंगलवार को भीटी के उप जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा व पुलिस टीम गांव पहुंची और श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद मेअयोध्या के सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
करीब 84 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके भीटी के भगवानपट्टी निवासी रमेशचंद्र त्रिपाठी पुत्र परशुराम त्रिपाठी ने वायुसेना से रिटायर होने के बाद समाज सेवा व भारतीय संस्कृति को संजोने का काम शुरू किया था।
वह श्रीराम जन्मभूमि मामले में पक्षकार भी रहे। अयोध्या मामले में फैसला आने के पहले ही उन्हें सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए थे। फैसला आने के बाद वह काफी खुश थे। उनकी रुचि लेखन कार्यों में भी रही।
उनके द्वारा रचित आस्था केंद्र वैष्णवी देवी, विंध्याचल धाम, हनुमान नाटकम आदि धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित हुईं। उन्होंने ‘वह भले एक सपना था’ छंद काव्य भी लिखा जो प्रकाशित हुआ। क्षेत्र की समस्याओं व दुखी-पीड़ित लोगों की मदद के लिए रमेशचंद्र तिवारी को लोग हमेशा याद किया जाएगा।
प्रखर वक्ता के रूप में भी उनकी विशेष पहचान थी। मंगलवार सुबह भीटी एसओ मनीष सिंह पुलिस टीम के साथ गांव पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके निधन पर रत्नाकर त्रिपाठी, वेंकटरमन त्रिपाठी, विभाकर त्रिपाठी, अरविंद त्रिपाठी, विद्याधर त्रिपाठी, हरिहर त्रिपाठी आदि ने शोक व्यक्त किया है।
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