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जिलों में शुरू हुई टेलीमेडिसिन, टेलीरेडिओलॉजी की सेवा से मरीजों को काफी राहत- सिद्धार्थ नाथ सिंह

जॉन हापकिंस, यू0एस0ए0, बीएमजीएफ व एसआईएचएफडब्ल्यू के संयुक्त तत्वाव़धान में हुई कार्यशाला में चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सिस्टम सुदृढ़ीकरण पर जोर दिया।

Anoop Ojha
Published on: 27 July 2019 12:08 PM GMT
जिलों में शुरू हुई टेलीमेडिसिन, टेलीरेडिओलॉजी की सेवा से मरीजों को काफी राहत- सिद्धार्थ नाथ सिंह
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लखनऊः जॉन हापकिंस, यू0एस0ए0, बीएमजीएफ व एसआईएचएफडब्ल्यू के संयुक्त तत्वाव़धान में हुई कार्यशाला में चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सिस्टम सुदृढ़ीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम अभी भी 40-50 वर्ष पुरानी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। हमारे पास योग्य डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों की जो संख्या है, उनमें से कई लोगों से प्रशासनिक आदि कार्य कराया जा रहा है। हमें सिस्टम को सुदृढ करने की अस्थाई नहीं बल्कि स्थायी व्यवस्था बनानी है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह शुक्रवार को जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यू0एस0ए0 और द बिल गेट्स एंड मिलिंडा फाउंडेशन के सहयोग से एक होटल में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

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चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यू0एस0ए0 सहयोग दे रहा है। इसके सहयोग से यूपी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान स्वास्थ्यकर्मियों को जन स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए और अधिक सक्षम बनाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कोर कांपेटेंसीज फॉर पब्लिक हेल्थ प्रोफेसनल्स इन उत्तर प्रदेश विषय पर देश की पहली कार्यशाला करवाने के लिए द बिल गेट्स एंड मिलिंडा फाउंडेशन (बीएमजीएफ) को धन्यवाद दिया।

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सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में घर-घर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में कई चुनौतियां आ रही हैं। वहीं कुछ जिलों में शुरू हो चुकी टेलीमेडिसिन, टेलीरेडिओलॉजी जैसे सेवा से मरीजों को काफी राहत मिल रही है। उन्होने कहा कि मैं आप सभी से अपेक्षा करूंगा कि प्रदेश की जरूरत के हिसाब से जन स्वास्थ्य के खास क्षेत्रों में प्रशिक्षण का आंकलन करें। जन स्वास्थ्य प्रोफेसनल्स की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए जो आवश्यकता होगी, उसकी सरकार द्वारा पूरी सहायता की जाएगी।

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जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यू0एस0ए0 के प्रोजेक्ट प्रिन्सिपल इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर डॉक्टर डेविड पीटर्स ने कार्यशाला का उद्देश्य बताया। उन्होने बताया कि किसी भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में यदि समय के साथ परिवर्तन नहीं किया गया तो अच्छी से अच्छी योजना भी दम तोड़ देती है। स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मानव संसाधन रीढ़ की हड्डी की तरह है। इस संसाधन के लिए प्रशिक्षण अतिआवश्यक है।

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स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फेमिली वेलफेयर (एसआईएचएफडब्ल्यू) की निदेशक (प्रशासन) डॉक्टर पूजा पांडे ने उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की संक्षित जानकारी देते हुये कार्यशाला की शुरुआत की। कार्यशाला के दौरान जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यू0एस0ए0 के प्रोफेसर डॉक्टर सारा, डॉक्टर साइरस इंजीनियर और डॉक्टर ब्राइन व्हल ने पब्लिक हेल्थ की हकीकत और भविष्य की आवश्यकताओं पर प्रस्तुतीकरण दिया।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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