×

सिद्धार्थनगर की पहचान है धान की यह किस्म, विदेशों तक फैली है इसकी खुशबू

यह धान तराई बेलट सिद्धार्थनगर में जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर अलीदापुर गांव काला नमक का गढ़ है।प्राचीन वैराइटी का यह चावल दाम और स्वाद दोनों मामले में बासमती को भी मात देता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 6 Dec 2020 3:10 PM GMT
सिद्धार्थनगर की पहचान है धान की यह किस्म, विदेशों तक फैली है इसकी खुशबू
X
इस धान से निकला चावल सुगंध, स्वाद और सेहत से भरपूर है। इसकी खुशबू अब जापान, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड और भूटान सहित बौद्ध धर्म के मानने वाले कई देशों तक पहुंच गई है।

सिद्धार्थनगर : राजधानी लखनऊ से करीब 270 किलोमीटर दूर नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित सिद्धार्थनगर जिले के किसान काला नमक धान 55 सौ रुपये क्विंटल तक के रेट पर बेच रहे थे।उस धान का नाम है काला नमक।जिसके बारे में कहा जाता है कि सिद्धार्थनगर के बजहा गांव में गौतम बुद्ध के जमाने से पैदा हो रहा है।और दावा है कि इसका जिक्र चीनी यात्री फाह्यान के यात्रा वृतांत में भी मिलता है। इस धान से निकला चावल सुगंध, स्वाद और सेहत से भरपूर है। इसकी खुशबू अब जापान, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड और भूटान सहित बौद्ध धर्म के मानने वाले कई देशों तक पहुंच गई है।

यह पढ़ें...बाबा साहेब को श्रद्धांजलि: इस पार्टी ने किया याद, ऐसे मनाया महापरिनिर्वाण दिवस

चावल दाम और स्वाद नंबर एक

यह धान तराई बेलट सिद्धार्थनगर में जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर अलीदापुर गांव काला नमक का गढ़ है।प्राचीन वैराइटी का यह चावल दाम और स्वाद दोनों मामले में बासमती को भी मात देता है।सिद्धार्थनगर के मंझरिया गावँ के किसान राम बरन चौधरी ने बातचीत में बताया कि यह चावल इस समय 12,000 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बिक रहा है।यह धान बारिश के नेचुरल पानी से ही होता है।काला नमक की नई किस्मों के आने से पिछले साल के मुकाबले इस बार एरिया बढ़कर डबल यानी करीब 10 हजार हेक्टेयर हो गया है काला नमक की खेती से हमारी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।

[video width="640" height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2020/12/WhatsApp-Video-2020-12-06-at-4.47.34-PM.mp4"][/video]

वहीं जिला कृषि अधिकारी सी.पी.सिंह का कहना है कि काला नमक चावल से ही जनपद सिद्धार्थनगर की पहचान है काला नमक चावल या धान से किसान की आमदनी निश्चित तौर पर दुगनी ही नहीं तीगुनी हो सकती है क्योंकि इसकी महक इसकी पौष्टिकता का गुण भरपूर है इस चावल को लोग विदेश में भी बहुत लाइक कर रहे हैं बहुत सारी कंपनियां जो चावल का निर्यात करती हैं वह आ रही हैं ।

यह पढ़ें...कोरोना: जम्मू कश्मीर में पिछले 24 घंटे में 531 नए मामले, 366 ठीक हुए, 4 की मौत

किसानों को सीधा फायदा

किसानों का इसका सीधा फायदा मिल रहा है और उनके उत्पादन का सही सही दाम मिल रहा है इसके लिए पहले सेमिनार भी करवाये थे और अब खेसरहा ब्लॉक में अब इसका हब बनाया जा रहा है जिसका कार्य शुरू हो गया है उसके पूर्ण होते ही किसानों को प्रशिक्षण, मार्केटिंग, बीज इत्यादि सुविधाएं एक ही छत के नीचे प्राप्त होंगे।

[video width="640" height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2020/12/WhatsApp-Video-2020-12-06-at-4.47.35-PM.mp4"][/video]

इंतजार हैदर,सिद्धार्थनगर

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story