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Siddharthnagar News: जश्ने ईद-ए-गदीर पर गूंजती रही नारे हैदरी की सदाएं, महफिल मिलाद का किया गया आयोजन
Siddharthnagar News: जुलूस में अकीदतमंदों ने नारे हैदरी की सदाएं बुलंद कीं। राहगीरों व क्षेत्रीय लोगों में मिठा, बिस्कुट आदि का वितरण किया।
Siddharthnagar News: डुमरियागंज क्षेत्र के शिया बाहुल्य कस्बा हल्लौर में शुक्रवार को पहले इमाम हजरत अली की ताजपोशी की खुशी में जुलूस-ए-हैदरी निकालकर महफिल मिलाद का आयोजन किया गया। इस दौरान शायरों व उलेमाओं ने अपने-अपने अंदाज में ईदे गदीर की महत्ता बताई। जुलूस में अकीदतमंदों ने नारे हैदरी की सदाएं बुलंद कीं। राहगीरों व क्षेत्रीय लोगों में मिठा, बिस्कुट आदि का वितरण किया।
मौलाना मोहम्मद हसन व मौलाना शारिब ने कहा कि मुसलमानों के लिए बकरीद की 18 तारीख काफी अहमियत रखती है। आज ही के दिन पैगंबर -ए- इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब ने हज यात्रा से लौटते वक्त 1.24 हजार हाजियों की मौजूदगी में पहले इमाम हजरत अली की ताजपोशी की और वली बनाकर इस्लाम धर्म के प्रचार- प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी थी। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों के लिए सबसे बड़ी ईद का दिन ईद- ए -गदीर का है।
अकीदतमंदों ने पूरे कस्बे में जुलूस निकाला। नारे हैदरी की सदाएं बुलंद करते हुए डुमरियागंज-बस्ती मार्ग स्थित मुख्य चैराहे पर पहुंचे, जहां जुलूस महफिल में तब्दील हो गई। महफिल को खिताब करते हुए मौलाना जमाल हैदर ने कहा कि जश्ने ईद गदीर की पहली कड़ी गदीर के मैदान से आरंभ होती है। जहां अल्लाह के हुक्म पर पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद ने हजरत अली को अपना वली बनाया था। कहा कि अली के मानने वाले उनके किरदार से सबक लें। इससे उनकी जिन्दगी भी खूबसूरत बनेगी। महफिल को मौलाना अजीम, शायर हसन जमाल, हानी हल्लौरी, लकी आदि ने तकरीर व कलाम पेश किया।
ये रहे उपस्थित
इस दौरान मोहम्मद मेहदी, रिंकू पुलिस, चंकी, जानशीन अहमद किसान, रिजवान राजू, तसकीन हैदर, काजिम रजा, महफूज मैक्स, वफादार, राजा नकीउल, रावी, आयान, फैजान, भोला, नेहाल, बिलाल, अमानत, मंटू,आदि उपस्थित रहे।