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यूपी में दिमागी बुखार के आंकड़ों में 67 प्रतिशत की गिरावट: सिद्धार्थनाथ सिंह

उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विगत वर्ष की तुलना में दिमागी बुखार के आंकड़ों में 67 प्रतिशत गिरावट आई है। इससे होने वाली मृत्यु दर घटी है।

Aditya Mishra
Published on: 15 Jun 2019 9:05 PM IST
यूपी में दिमागी बुखार के आंकड़ों में 67 प्रतिशत की गिरावट: सिद्धार्थनाथ सिंह
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विगत वर्ष की तुलना में दिमागी बुखार के आंकड़ों में 67 प्रतिशत गिरावट आई है। इससे होने वाली मृत्यु दर घटी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को प्रयागराज में अपने आवास पर दिमागी बुखार के मुद्दे पर मीडिया को बताया कि बिहार में दिमागी बुखार से होने वाली मौतों को देखते हुएअधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं।

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उन्होंने खुद आज देवरिया, बलिया और कुशीनगर के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बात की तथा उन्हें निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी निवारक उपायों को जेई-एईएस पर 2019 की कार्य योजना के अनुसार अमल में लाया जाए। साथ ही तत्काल अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित की जाएं।

डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारी छुट्टी पर न भेजे जाएं। यह सुनिश्चित हो कि वेंटिलेटर उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ काम करें। टीकाकरण के साथ-साथ सफाई जोर दिया जा रहा है।

सिंह ने पश्चिम बंगाल की घटना पर कहा कि ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच विवाद के कारण उप्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। इस विवाद में ममता बनर्जी का अहम आड़े आ रहा है तथा वह झुकना नहीं चाह रही हैं।

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उन्होंने समस्त डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा कि यदि वह शांतिपूर्ण तरीके से काली पट्टी बांधकर विरोध जताना चाहते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी प्राथमिकता मरीज है।

अगर वह पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के पक्ष में खड़े होते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके ऐसा करने से किसी मरीज को कोई परेशानी न हो।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसे मामलों में वे डॉक्टरों के साथ खड़े रहे हैं और उनके विभाग की तरफ से लगभग 16 से 18 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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