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अनाथों के खिले चेहरे: स्कार्ड संस्था की नेकी, राजधानी में बेसहारों का बने सहारा

हमारे समाज में न जाने कितने बच्चे हैं जिन्हे अपने मां-बाप का प्यार नहीं मिल पाता है। ऐसे ही बच्चों के दुःख दर्द की चिंता करने के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे आकर इन बच्चों की देखभाल कर रहीं हैं। ऐसे ही अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए एक संस्था स्कार्ड है जो इस क्षेत्र में लगातार काम करके ऊंचाइयों को छू रही है।

Ashiki
Published on: 6 Jan 2021 4:05 PM GMT
अनाथों के खिले चेहरे: स्कार्ड संस्था की नेकी, राजधानी में बेसहारों का बने सहारा
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बेसहारा बच्चों को स्कार्ड संस्था ने वितरित की शिक्षण सामग्री

लखनऊ: हमारे समाज में न जाने कितने बच्चे हैं जिन्हे अपने मां-बाप का प्यार नहीं मिल पाता है। ऐसे ही बच्चों के दुःख दर्द की चिंता करने के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे आकर इन बच्चों की देखभाल कर रहीं हैं। ऐसे ही अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए एक संस्था स्कार्ड है जो इस क्षेत्र में लगातार काम करके ऊंचाइयों को छू रही है।

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संस्था के अध्यक्ष डॉ. विपिन अग्निहोत्री ने दी ये जानकारी

इन बातों को ध्यान रखकर स्कार्ड संस्था (सोशल कलेक्टिव एक्शन फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट) ने अनाथ बच्चों को शिक्षण सामग्री बांटकर यह संदेश देने का प्रयास किया की शिक्षा एक ऐसा माध्यम बन सकता है जो उनके जीवन में एक नया उत्साह लाएगा। स्कार्ड संस्था के अध्यक्ष डॉ विपिन अग्निहोत्री के मुताबिक अनाथालय में बड़े होने वाले बच्चे भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक बाधाएं अनुभव करते हैं।डॉ अग्निहोत्री का कहना है कि आखिर ऐसे बच्चों की कौन देखभाल करेगा। हर काम सरकार के सहारे नहीं किया जा सकता है।

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लाइफ इज वेल संस्था के सचिव डॉ राहुल तनेजा ने इस मौके पर बताया कि इन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए यह काफी जरूरी है कि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले और उन्हें इस बात का भी एहसास दिलाया जाए की हर कदम पर उनका साथ देने के लिए कोई है।

रिपोर्ट: श्रीधर अग्निहोत्री

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