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यूपी के स्मार्ट मीटरों की गड़बड़ी लगा सकती है सरकारी योजना में पलीता  

पूरे देश में अब तक 12 लाख स्मार्ट मीटर लगे है, जिसमे से आठ लाख यूपी में लगे है। यूपी में लगे स्मार्ट मीटरों को बेहतर बताते हुए पूरे देश में इसकी मिसाल दी गई लेकिन इसी बीच स्मार्ट मीटर में लोड़ जम्प करने की शिकायत आनी शुरू हो गई। अब तक करीब 3000 स्मार्ट मीटरों में यह शिकायत आ चुकी है।

SK Gautam
Published on: 2 Feb 2020 1:07 PM GMT
यूपी के स्मार्ट मीटरों की गड़बड़ी लगा सकती है सरकारी योजना में पलीता  
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटरों में आ रही गड़बड़ी की शिकायत अब प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के लिए परेशानी का सबब बनने जा रही है। अब जबकि केंद्र सरकार पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगवाने की तैयारी में है तो ऐसे में इस खराबी के कारण यूपी में स्मार्ट मीटर लगने की मुहिम को पलीता लगने की संभावना है। साथ ही इस गड़बड़ी को नहीं सुधारा गया तो यूपी की बिजली कंपनियों को आठ हजार करोड़ रुपये के व्यवसाय से चूकने की संभावना है।

स्मार्ट मीटर में लोड़ जम्प की शिकायत

दरअसल, पूरे देश में अब तक 12 लाख स्मार्ट मीटर लगे है, जिसमे से आठ लाख यूपी में लगे है। यूपी में लगे स्मार्ट मीटरों को बेहतर बताते हुए पूरे देश में इसकी मिसाल दी गई लेकिन इसी बीच स्मार्ट मीटर में लोड़ जम्प करने की शिकायत आनी शुरू हो गई। अब तक करीब 3000 स्मार्ट मीटरों में यह शिकायत आ चुकी है।

इसमे एक किलोवाट के उपभोक्ता का लोड़ कई गुना बढ़ कर दिखा रहा है, जिससे उपभोक्ता का बिजली बिल भी बढ़ कर आ रहा है। ऐसे में स्मार्ट मीटर को लेकर पूरे देश में उपभोक्ताओ के मन में जो एक सबसे बड़ा सवाल है की मीटर तेज चल रहा या जम्प करता है। अब ऊर्जा मंत्रालय के लिए इस धारणा को बदलना सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है।

तीन सालो के अंदर स्मार्ट प्रीपेड मीटर

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में एलान किया है कि पूरे देश के लगभग 24 करोड़ विद्युत उपभोक्तओ के घरो में आगामी तीन सालो के अंदर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जायेंगे। जिसके तहत वर्ष 2019-20 में दो प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में 30 प्रतिशत, 2021-22 में 60 प्रतिशत तथा वर्ष 2022-23 में इसे शतप्रतिशत लगा देना है।

इसमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 2 करोड़ 87 लाख विद्युत उपभोक्ता है। उत्तर प्रदेश में एक स्मार्ट मीटर की कीमत सिंगल फेस की रुपयें और थ्री फेज की 3936 रुपये है। अगर पूरे देश में लगभग 24 करोड़ विद्युत उपभोक्तओ के घरो में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने में एक लाख करोड़ का व्यवसाय होगा तो यूपी में यह व्यवसाय आठ हजार करोड़ रुपये का आंका जा रहा है।

स्मार्ट मीटर मॉडल को बीआईएस सर्टिफिकेशन मिल चुका

यूपी में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी का खुलासा करने वाले उप्र. राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि

सबसे पहले सरकार को यह सोचना होगा की देश में अब तक लगभग 38 स्मार्ट मीटर मॉडल को बीआईएस सर्टिफिकेशन मिल चुका है उसमे सबसे अच्छी तकनीकी वाला मॉडल कौन है उसे देखना होगा नहीं तो हंगामा मचना तय है ।

ऊर्जा मंत्रालय ने पूरे देश के लिए जो 3 साल का टारगेट का विजन बनाया है वह तभी सफल होगा जब स्मार्ट मीटर उच्च गुड़वक्ता और उच्च तकनीकी का होगा। उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष ने कहा भारत सरकार को इस बात पर भी गम्भीरता से विचार करना होगा की ही एनर्जी एफिशिएन्सी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) स्मार्ट मीटर खरीद में बिचैलियागिरी में क्यों लगी है और अब जब प्रदेश में मीटर जम्पिंग का खुलासा हो चुका है तो ईईएसएल के सभी उच्चाधिकारियो के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

SK Gautam

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