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JNU पर बोलीं स्मृति कहा- राजनीतिक मोहरे की तरह छात्रों को नहीं किया जाए इस्तेमाल
रविवार रात जेएनयू में हुए बवाल पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस ख़ासकर प्रियंका गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं आशावादी हूं के राजनीतिक अखाड़ा और राजनीतिक मोहरे की तरह छात्रों को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
अमेठी: केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद स्मृति ईरानी सोमवार को अमेठी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंची। फुरसतगंज सीएचसी में मरीजों से मिलकर बाहर निकली स्मृति ने मीडिया से बात किया। रविवार रात जेएनयू में हुए बवाल पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस ख़ासकर प्रियंका गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं आशावादी हूं के राजनीतिक अखाड़ा और राजनीतिक मोहरे की तरह छात्रों को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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शैक्षिक संस्थानों को ना बनाया जाए राजनीति का अखाड़ा
मीडिया से बातचीत में स्मृति ईरानी ने कहा कि एक इन्वेस्टिगेशन लांच हुई है, किसी भी संवैधानिक पद पर रहते हुए इन्वेस्टिगेशन के दौरान कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शैक्षिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए। इससे हमारे जितने भी छात्र हैं उनके जीवन पर असर पड़ता है, उनकी प्रगति पर भी असर पड़ता है।
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राजस्थान में बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार
जेएनयू के बाद स्मृति ईरानी ने राजस्थान का रुख किया, हाल ही में वहां स्वास्थ्य सेवाओं में बरती गई लापरवाही से सैकड़ों बच्चों की मौत हुई है। जिस पर उन्होंने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। स्मृति ने कहा स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं में जब कोई गरीब आता है तो इस अपेक्षा के साथ आता है के भले ही उसके पास पैसे न हों लेकिन उसे सरकारी संस्थान के माध्यम से संरक्षण और सेवा प्राप्त होगी।
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प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है की इस प्रकार की व्यवस्थाओं में अगर कोई चुनौती आती है तो उसे देखते हुए तत्परता से समाधान दे। राजस्थान में जब से मामला सामने आया तब से लेकर आजतक अस्पताल के जो मेडिकल आफिसर्स हैं जिनको नेशनल प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड से समन किया थाजब चेयरमैन वहां गए थे तब भी वो वहां उपस्थित नहीं रहे।
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कहा राजस्थान की सरकार को भी स्वीकार करना चाहिए कमी
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जिम्मेदार लोग अपने दायित्व का निर्वाह किस प्रकार से कर रहे हैं, दायित्व के निर्वाह में क्या चुनौती आ रही है अगर उस पर भी संवाद न करें तो जनता को समाधान देने में निश्चित रुप से चैलेंज और चुनौती आती है। मेरा आग्रह है राजस्थान की सरकार केंद्र की सरकार की ओर से जो पहल हुई है, हर्ष वर्धन जी के नेतृत्व में जो टीम पहुंची और उन्होंने स्वयं कहा के हम मदद करने को तैयार हैं लेकिन संवाद और समाधान राजस्थान की सरकार को करनी चाहिए।
उन्होंने सचिन पायलट के बयान को सराहा और कहा के कमी हुई है उसे राजस्थान की सरकार को स्वीकार करना चाहिए