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शाहजहांपुर: ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की फसल, कर रहे मुआवजे की मांग
बुधवार की बारिश और ओलों ने इनके भी सपने पूरे होने से पहले तोड़ दिए। अब इनके पास इतना पैसा नही है कि वह दूसरी फसल तैयार कर पाएं। किसान अभिलाख सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
शाहजहांपुर: जाती हुई ठंड ने एक बार फिर कुदरत के कहर ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। सिर्फ आधे घंटे की तेज हवाओं बारिश और ओलों ने किसानों की एक साल से खून पसीने से तैयार फसल को बर्बाद कर दिया। सरसों, गन्ना आलू और गेंहू की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। फसल बर्बाद होने के बाद किसान अब भुखमरी की कगार पर आ गए है। जिन किसानों की फसल बर्बाद हुइ है। वह अब सरकार से मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं।
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निगोही थाना क्षेत्र मे बीते बुधवार को शाम करीब चार बजे तेज हवाओं के साथ बारिश और जमकर ओलें गिरे थे। वैसे तो लोग ठंडी हवाओं और ओलों का लुत्फ उठा रहे थे। लेकिन वही गरीब किसान अपनी किस्मत पर रो रहा था। क्योंकि इन ओलों से उनकी एक साल की मेहनत से तैयार फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इस वक्त किसान गेंहू, सरसों, गन्ना और आलू की फसल को तैयार कर रहे थे। फसल काटने के लायक हो चुकी थी। किसान जब फसल तैयार के बाद काटने जाता है। तो पहले से उसका परिवार कई सपने संजो लेता है। लेकिन आधे घंटे की बारिश के साथ गिरे ओलें ने किसानों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। इलाके मे भारी मात्रा मे किसान की फसल बर्बाद हो गई है।
बर्बाद हुइ फसल का मुआवजा चाहते है
इस थाना क्षेत्र मे दर्जनों गांव ऐसे है जहां बड़ी तादाद मे किसान रहते है। वह पूरी साल फसल को तैयार करते है। इतना ही नही किसान का पूरा परिवार कङी धूप हो या कपकपाती ठंड वह खेतों पर काम करता है। आधे घंटे की बारिश और ओलों ने इन किसानों की एक साल की मेनहत पर पानी फेर दिया है। अब किसान सरकार से बर्बाद हुइ फसल का मुआवजा चाहते है। उनका कहना है कि सरकार जितना भी मुआवजा देगी हम तैयार है उतना मुआवजा लेने के लिए।
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अगर सरकार कुछ मुआवजा दे देगी तो दूसरी फसल लगाने मे कुछ आराम हो जाएगी: किसान
ग्राम महोलिया के रहने वाले किसान नरेश सिंह भी उन किसानों मे से है जिन्होंने कई एकङ मे सरसों, गेहूं की फसल लगाई थी। रोज दिन रात नरेश और उसका परिवार खून पसीने से अपनी फसल को सींचते थे और अब वक्त आ गया था तैयार फसल को काटने का। उनका कहना है कि जब मौसम खराब होता था तब भगवान से प्रार्थना करते थे कि फसल को सही सलामत काट उसके बाद बारिश या ओले गिरे। लेकिन बीते बुधवार को मेरी प्रार्थना काम नही आई और कुदरत कहर मेरे और मेरी फसल पर कहर बनकर टूट पङा। अब मेरी पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है। अब उम्मीद सिर्फ सरकार से है। बर्बाद फसल का अगर सरकार कुछ मुआवजा दे देगी तो दूसरी फसल लगाने मे कुछ आराम हो जाएगी।
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वही इसी गांव के रहने वाले अभिलाख ने गन्ना और आलू की फसल तैयार कर रहे थे। उनका भी पूरा एक साल तक फसल को तैयार करके उसको काटने के बाद मिलने वाले पैसे से सपने पूरे करते है। लेकिन बुधवार की बारिश और ओलों ने इनके भी सपने पूरे होने से पहले तोड़ दिए। अब इनके पास इतना पैसा नही है कि वह दूसरी फसल तैयार कर पाएं। किसान अभिलाख सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।