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Sonbhadra News: शौच के लिए गई नाबालिग से किया था दुष्कर्म, मिली 10 वर्ष की कठोर कैद
Sonbhadra News: दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष की कैद के साथ 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड अदा न कर पाने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कारावास का निर्णय पारित किया गया है।
Sonbhadra News: शौच के लिए घर से रेलवे लाइन की तरफ गई सगी बहनों से दुष्कर्म और दुष्कर्म की कोशिश मामले में अदालत का बड़ा फैसला आया है। छोटी बहन से दुष्कर्म करने वाले को जहां दस वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। वहीं उसकी बड़ी बहन से दुष्कर्म की कोशिश करने वाले को पाक्सो एक्ट के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष की कैद के साथ 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड अदा न कर पाने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कारावास का निर्णय पारित किया गया है। वहीं दुष्कर्म की कोशिश करने वाले को तीन वर्ष के कारावास के साथ 10 हजार अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर, दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के लिए कहा गया है।
यह था पूरा घटनाक्रम
राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने गत 22 अक्टूबर 2017 को राबटर्सगंज कोतवाली में तहरीर देकर अवगत कराया था कि उसकी 14 वर्षीय और 16 वर्षीय दोनों पुत्रियां रेलवे लाइन किनारे शौच के लिए गई हुई थी। उसी दौरान झाड़ियों में छिपे घुआस गांव निवासी जसवंत चौहान और सूरज चौहान ने दोनों को पकड़ लिया। बड़ी लड़की खुद को छुड़ाकर भाग गई जबकि छोटी लड़की उनके चंगुल में फंसकर दुष्कर्म का शिकार हो गई। आरोप लगाया था कि आरोपियों ने घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। किसी तरह पीड़िता ने डरते हुए आपबीती घर वालों को बताई।
पुलिस जांच में एक को पाया गया था दुष्कर्म का दोषी
जांच में पुलिस ने पाया कि जसवंत चौहान ने छोटी बहन से दुष्कर्म किया था। वहीं सूरज ने बड़ी बहन से दुष्कर्म की कोशिश की थी। दोनों मामलों में अलग-अलग चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। पीड़िता के सगी बहन होने के कारण, न्यायालय ने दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई की। अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने दोनों को दोषी पाया और दुष्कर्म के लिए जसवंत चौहान को 10 वर्ष सश्रम कारावास और दुष्कर्म की कोशिश के लिए सूरज को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।