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सपा से जुड़ा है सोनभद्र कांड का हत्यारा: योगी आदित्यनाथ
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दोहराया कि सोनभद्र में पिछले दिनों हुए सामूहिक हत्याकाण्ड का मुख्य अभियुक्त समाजवादी पार्टी से जुड़ा है।
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दोहराया कि सोनभद्र में पिछले दिनों हुए सामूहिक हत्याकाण्ड का मुख्य अभियुक्त समाजवादी पार्टी से जुड़ा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिये। प्रदेश में जो निवेश के उत्साहजनक परिणाम आये हैं, वे बेहतर कानून-व्यवस्था का ही नतीजा है।
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प्रश्नकाल के दौरान सीएम योगी ने कही ये बात
मुख्यमंत्री योगी ने विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य अमित यादव द्वारा प्रदेश में बीती एक मार्च से 15 मार्च के बीच हुई आपराधिक घटनाओं के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार को बने अभी ढाई साल नहीं हुए हैं। इस दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थिति उच्चकोटि की रही है।
उन्होंने कहा कि जहां तक सोनभद्र में 10 लोगों की नृशंस हत्या का मामला है तो मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि उसमें जो सूत्र सामने आये हैं वे सिर्फ आज से नहीं बल्कि वर्ष 1955 से जुड़े हैं।
उस वक्त कांग्रेस के एक नेता ने वहां के वनवासियों और जनजातीय समुदाय की जमीन को गलत तरीके से एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम पर दर्ज कराया। बाद में वर्ष 1989 में उस जमीन को अपने परिवार के सदस्यों के नाम कराया।
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गांव का प्रधान यज्ञदत्त भोटिया सपा का सदस्य
उन्होंने कहा कि बाद में उस जमीन को खरीदने वाला गांव का प्रधान यज्ञदत्त भोटिया खुद सपा का सदस्य है। उन्होंने कहा कि वहां का हत्यारा समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
इस पर सपा के सदस्यों ने विरोध किया। सपा के शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री को सोनभद्र की घटना के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार है लेकिन इस वक्त प्रश्नकाल चल रहा है, इसमें सिर्फ प्रश्नोत्तर ही होते हैं।
प्रश्न में सोनभद्र के मुद्दे का जिक्र नहीं किया गया है, लिहाजा मुख्यमंत्री का इस विषय पर बोलना ठीक नहीं है। जब इस घटना पर कार्यस्थगन प्रस्ताव आयेगा तो मुख्यमंत्री इस पर विस्तार से बोल सकते हैं।
इस पर मुख्यमंत्री अपने स्थान पर बैठ गये और थोड़ी देर बाद सदन से चले गये। इसी बीच, नेता विपक्ष अहमद हसन ने इस पर अपनी बात रखने की कोशिश की तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि खुद सपा के सदस्य ही मुख्यमंत्री के बोलने पर व्यवस्था का प्रश्न उठा रहे थे।
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