Sonbhadra: चूहे-छछूंदरों की मौजूदगी से इंसान को खतरा, रक्षा के लिए बिल्ली, उल्लू, बाज-चमगादड़ों के संरक्षण की अपील

Sonbhadra News: बचाव के लिए लोगों से दवा और चूहेदानी जैसे पिजड़े आदि के इस्तेमाल की सलाह तो दी गई है, लोगों से बिल्ली, उल्लू, लोमड़ी, बाज और चमगादड़ के संरक्षण की भी अपील की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 April 2023 8:57 AM GMT
Sonbhadra: चूहे-छछूंदरों की मौजूदगी से इंसान को खतरा, रक्षा के लिए बिल्ली, उल्लू, बाज-चमगादड़ों के संरक्षण की अपील
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Sonbhadra News (photo: social media )

Sonbhadra News: चूहा-छछूंदर को इंसानी जान का दुश्मन बताते हुए कृषि रक्षा अनुभाग की तरफ से सोनभद्र में एक अनूठा फरमान सामने आया है। बचाव के लिए लोगों से दवा और चूहेदानी जैसे पिजड़े आदि के इस्तेमाल की सलाह तो दी गई है, लोगों से बिल्ली, उल्लू, लोमड़ी, बाज और चमगादड़ के संरक्षण की भी अपील की गई है। मंगलवार को यह फरमान तब सामने आया, जब जिला कृषि रक्षा अधिकारी जनार्दन कटियार ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान का हवाला देते हुए अलर्ट जारी किया और लोगों से बचाव के लिए दिए गए सलाह पर अमल की अपील की। इसको लेकर एक पत्र भी सार्वजनिक किया गया।

- चूहा-छछूंदर ऐसे बने लोगों के जान के दुश्मन

जिला कृषि रक्षा अधिकारी की तरफ से जारी फरमान में स्क्रबाटाएफस और लेप्टोस्पारोसिस नामक जानलेवा बीमारी के लिए चूहों और छछूंदर को जिम्मेदार बताया गया है। जानकारी दी गई है कि यह गंभीर बीमारी चूहे और छछूंदर के शरीर पर मौजूद बालों में चिपके बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। यह भी बताया गया है कि यह एक संचारी रोग है जो इंसानों में तेजी से फैल रहा है। जिससे बचाव के लिए जरूरी उपायों पर अमल को आवश्यक बताया गया है। लेप्टोस्पारोसिस को जानलेवा और जीवाणु जनित बीमारी बताते हुए, तेज बुखार, सिर में दर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी आना, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, पेट में दर्द जैसे लक्षणों को लेकर अलर्ट रहने की भी अपील की गई है।

-दी गई सलाह, इस तरह करें चूहों-छछूंदरों से बचाव

जरी सलाह में बताया गया है कि चूहों और छछूंदर के प्रकोप से बचाव के लिए घरों और खेतों में जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की एक ग्राम मात्रा दो मिलीलीटर सरसों के तेल और 48 ग्राम भूना हुआ चना, गेंहू या चावल में मिलाकर चूहे के बिल के पास रखें।

- या फिर ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत की टिकिया या जिंक फास्फाइट 80 प्रतिशत की एक ग्राम मात्रा, साथ में दो मिलीलीटर सरसों के तेल, 48 ग्राम भूना चना, गेंहूं या चावल में मिलाकर घरों और खेत में स्थित चूहे के बिलों के मुहाने पर रखें।

- इसके अलावा चूहों-छछूंदरों से बचाव के लिए, चूहों के जानी दुश्मन बताए जाने वाले बिल्ली, सांप, उल्लू, लोमड़ी, बाज, चमगादड़ का संरक्षण करें।

- जहां भी चूहे के बिल उसे बंद कर दें। झोपड़ी ओर कूड़ों की ढेर की सफाई करें/कराएं। हालांकि घर में दवा का प्रयोग अति आवश्यक होने पर ही करने की अपील की गई है। कहा गया कि बहुत आवश्यक न हो तो घर में मौजूद चूहे-छछूंदर को रोटी-बिस्कट-डबलरोटी का लालच देकर चूहेदानी में फंसा लें और कहीं बाहर सुरक्षित जगह पर ले जाकर छोड़ दें।

Kaushlendra Pandey

Kaushlendra Pandey

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