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वाहन रिलीज फर्जीवाड़ा: तत्कालीन एआरटीओ सहित कई की हो सकती है गिरफ्तारी, तीन के घर नोटिस चस्पा, हड़कंप
Sonbhadra News: म्योरपुर थाने में तैनात उप निरीक्षक बृजेश कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक कविंद्र सिंह, मुख्य आरक्षी अहमद अली खान की मौजूदगी वाली पुलिस टीम रविवार को राबर्ट्सगंज पहुंची। सदर कोतवाली पुलिस को साथ लेकर कोतवाली क्षेत्र के सिंदल चौहान पुत्र श्याम बिहारी चौहान, निवासी अरौली, पंकज पटेल पुत्र राजमणि पटेल निवासी निपराज, वैभव मिश्रा पुत्र परमानंद मिश्रा निवासी उरमौरा के विरुद्ध धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई करते हुए उनके घर पर नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई की गई।
Sonbhadra News: फर्जी रिलीज ऑर्डर के जरिए थाने से छुड़ाए गए वाहनों के मामले में जल्द ही सोनभद्र के तत्कालीन एआरटीओ सहित, फरार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी सामने आ सकती है। कोर्ट से धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की अनुमति लेने के बाद पुलिस की तरफ से, फरार आरोपियों के घर नोटिस चस्पा करने का काम शुरू कर दिया गया है। जिन आरोपियों को फरार बताया जा रहा है उसमें तत्कालीन एआरटीओ और एक पटल सहायक का भी नाम शामिल बताया जा रहा है। रविवार से शुरू हुई पुलिस के इस कार्रवाई से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
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म्योरपुर थाने में तैनात उप निरीक्षक बृजेश कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक कविंद्र सिंह, मुख्य आरक्षी अहमद अली खान की मौजूदगी वाली पुलिस टीम रविवार को राबर्ट्सगंज पहुंची। सदर कोतवाली पुलिस को साथ लेकर कोतवाली क्षेत्र के सिंदल चौहान पुत्र श्याम बिहारी चौहान, निवासी अरौली, पंकज पटेल पुत्र राजमणि पटेल निवासी निपराज, वैभव मिश्रा पुत्र परमानंद मिश्रा निवासी उरमौरा के विरुद्ध धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई करते हुए उनके घर पर नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई की गई। बताया गया कि आरोपी लगातार फरार चल रहे हैं। नियत तिथि को अगर वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो उनके संपत्ति के कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
न्यूज़ ट्रैक ने किया था मामले का खुलासा, पांच थानों में दर्ज कराई गई थी एफआईआरः
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वर्ष 2020 से 2022 के बीच कोरोना काल का फायदा उठाकर फर्जी रिलीज ऑर्डर के जरिए थानों में बंद वाहनों को छुड़ाए जाने को लेकर एक बड़ा रैकेट संचालित होने का मामला मई 2022 में विभागीय स्तर पर सामने आया तो हड़कंप की स्थिति बन गई। हालांकि सोनभद्र कार्यालय से लेकर जोनल कार्यालय तक मामले को मैनेज करने की कोशिश होती रही लेकिन जब 19 जुलाई 2022 को न्यूज़ट्रैक ने इस खेल का खुलासा किया तो मामला खुलकर सामने आ गया। इसके बाद एक-एक कर चोपन, हाथीनाला, म्योरपुर और बभनी थाने में 50 से अधिक वाहन स्वामियों और चालकों के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज कराए गए।
अपने ही बुने जाल में उलझ गए तत्कालीन एआरटीओ ...और वादी से बन गए आरोपी
जिस तत्कालीन एआरटीओ की शह पर उनके चहेतों को इस खेल में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा था, उसी एआरटीओ को मामले में एफआईआर दर्ज करानी पड़ी। मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो निदेशालय स्तर से जांच बिठाई गई। विभागीय जांच में तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय और तत्कालीन प्रधान सहायक विनोद श्रीवास्तव को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही संस्थित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। उधर पुलिस की जांच में भी दोनों की तरफ फर्जीवाड़े को सहयोग देने का मामला सामने आया तो पूरे परिवहन महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने तत्कालीन एआरटीओ सहित अन्य के खिलाफ 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करने का न्यायालय से आदेश प्राप्त कर लिया है।
रविवार को जिला मुख्यालय पर तीन चिन्हित आरोपियों के यहां नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई भी हुई। कहां जा रहा है कि जल्द ही पुलिस की टीम तत्कालीन एआरटीओ और प्रधान सहायक के घर भी नोटिस चस्पा करने धमक सकती है। उधर सेलफोन पर हुई वार्ता में प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर ने भी तत्कालीन एआरटीओ सहित अन्य के खिलाफ 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने की पुष्टि की। कहा कि जल्द ही उनके यहां भी पुलिस टीम भेजकर नोटिस चस्पा कराने की कार्रवाई की जाएगी।