Sonbhadra News: यूपी-बिहार सीमा पर पैदा होगी 3600 मेगावाट बिजली, सोन नदी से पानी लिफ्ट कर चलाएंगे टरबाइन

Sonbhadra News: प्रस्तावित एरिया में 3600 मेगावाट के हाइड्रो पावर प्लांट के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक कर जनसुनवाई की गई। बताया गया कि यहां स्थापित होने वाले पावर प्लांट की टरबाइन चलाने के लिए सोन नदी से पानी लिफ्ट किया जाएगा।

Kaushlendra Pandey
Published on: 7 Jun 2023 9:45 PM GMT
Sonbhadra News: यूपी-बिहार सीमा पर पैदा होगी 3600 मेगावाट बिजली, सोन नदी से पानी लिफ्ट कर चलाएंगे टरबाइन
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3600 मेगावाट के हाइड्रो पावर प्लांट के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक कर जनसुनवाई की गई:Photo- Newstrack

Sonbhadra News: जिले के अति पिछड़े अंचल की पहचान रखने वाला बिहार सीमा से सटा नगवां का इलाका जल्द ही क्लीन एनर्जी-ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ी पहचान बनाता नजर आएगा। इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से जहां पहल तेज कर दी गई है। वहीं प्रस्तावित एरिया में 3600 मेगावाट के हाइड्रो पावर प्लांट के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक कर जनसुनवाई की गई। बताया गया कि यहां स्थापित होने वाले पावर प्लांट की टरबाइन चलाने के लिए सोन नदी से पानी लिफ्ट किया जाएगा।

बताते चलें कि पिछले दिनों जिले और राज्य स्तर पर समिट का आयोजन किया गया था जिसमें सोनभद्र में पावर प्लांट और सीमेंट प्लांट के करीब छह एमओयू साइन किए गए थे। बताते हैं कि इसी कड़ी में हैदराबाद कीमेसर्स ग्रीनको एनर्जीस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बिहार सीमा से सटे नगवां अंचल में 3600 मेगावाट क्षमता वाले हाइड्रो पावर प्लांट के स्थापना की तैयारी तेज कर दी गई है।

लोक सुनवाई कर ग्रामीणों की राय जानी गई

बताया गया कि पावर प्लांट के लिए जमीन चिन्हांकन का काम ग्राम पंचायत बैजनाथ, गड़वान, पिंडारी एरिया में प्रक्रियाधीन है। इसको लेकर जहां मुनादी कराई गई। वहीं बुधवार को लोक सुनवाई कर ग्रामीणों की राय जानी गई। ग्रामीणों के साथ अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्र और परियोजना प्रतिनिधि पीएम चंद्रा ने संवाद किया। सुनवाई का आयोजन ग्राम पंचायत बैजनाथ के पंचायत भवन पर किया गया।

बताया गया कि इससे ग्रामीणों का आर्थिक और सामाजिक स्तर सुधरेगा। प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी इस प्रोजेक्ट को फायदेमंद बताया गया। अपर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि इस संबंध में ग्रामीण लिखित और मौखिक दोनों तरीके से सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं। स्थानीय युवाओं को योग्यताअनुसार रोजगार की मांग की।

बताया गया कि इसके लिए उपर और निचली सतह पर दो जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद सोन नदी से पंप के जरिए पानी उपरी जलाशय से नीचे के जलाशय में गिराया जाएगा। दोनों जलाशयों के बीच में टरबाइन स्थापित किया जाएगा। गिरने वाला पानी टरबाइन से होकर गुजरेगा, जिससे बिजली पैदा होगी। बता दें कि सोन नदी पर दो और हाइड्रो पावर प्लांट प्रस्तावित हैं, जिसको लेकर भी शीघ्र पहल शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

Kaushlendra Pandey

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