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Sonbhadra News: अधिक खनन का फायदा उठा रहा परमिट माफियाओं का सिंडीकेट, खनन क्षेत्र में हाहाकार की स्थिति
Sonbhadra News: निर्धारित मात्रा से अधिक खनन के चलते जहां परमिट को लेकर मारामारी की स्थिति बनी हुई है। वहीं कुछ पट्टाधारक, कुछ क्रशर संचालक और कुछ लाइजनर एक सिंडीकेट बनाकर परमिट की उंची कीमत वसूलने में लगे हुए हैं।
Sonbhadra News: सोनभद्र के ओबरा और डाला खनन क्षेत्र में कुछ पट्टाधारकों, क्रशर संचालकों और परमिट को लेकर लाइजनिंग करने वाले गैंग की मिलीभगत से, कई गुना अधिक कीमत पर परमिट बेचे जाने का बड़ा खेल खेले जाने का कथित मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। निर्धारित मात्रा से अधिक खनन के चलते जहां परमिट को लेकर मारामारी की स्थिति बनी हुई है। वहीं कुछ पट्टाधारक, कुछ क्रशर संचालक और कुछ लाइजनर एक सिंडीकेट बनाकर परमिट की उंची कीमत वसूलने में लगे हुए हैं। परमिट को लेकर हाहाकार की स्थिति को देखते हुए, कभी खान विभाग से मिलती-जुलती वेबसाइट संचालित कर तो कभी एक्सपायर हो चुकी लाइसेंस आईडी की आड़ में परमिट जारी कर मोटा मुनाफा कमाने का खेल भी खेला जा रहा है। दो दिन पूर्व ही, एक्सपायर आईडी पर परमिट जारी करने के हुए खुलासे के बाद जहां हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं लेकर ज्येष्ठ खान अधिकारी की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद परमिट के गोरखधंधे से जुड़े पूरे रैकेट के खुलासे की मांग उठने लगी है।
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स्वीकृत मात्रा से अधिक किया जा रहा खनन
नियमों के मुताबिक किसी भी आवंटित खदान में पूरे संचालन अवधि के लिए अधिकतम खनन की मात्रा निर्धारित होती है। उसी तरह से एक दिन की भी अधिकतम मात्रा अनुमानित की जाती है। इसी हिसाब से परमिट भी जारी किया जाता है। पहले यह मैनुअल जारी होता था तो आसानी से खेल कर लिया जाता था लेकिन अब जब आनलाइन परमिट जारी होने लगा तो एक-एक परमिट की गणना होने लगी है। वहीं जो वास्तविक स्थिति है, उसके हिसाब से कहीं स्वीकृत मात्रा से अधिक तो कहीं बंद और अवधि समाप्त वाली खदानों में भी खनन किया जा रहा है। चूंकि किसी क्रशर प्लांट के लिए अधिकतम गिट्टी भंडारण या एक दिन में क्रशिंग की कोई मात्रा निर्धारित नहीं है, इसके चलते, अवैध खनन वाला पत्थर क्रशर प्लांट पर आते ही, अवैध से वैध हो जाता है।
अधिकारी भी मानते हैं सिंडीकेट सक्रिय होने की बात
खान विभाग से स्वीकृत किए गए पट्टे और खनन मात्रा को लेकर दी गई स्वीकृति के हिसाब से ही परमिट जारी किया जाता है। यहीं कारण है कि इन दिनों सोनभद्र के क्रशर बेल्ट में परमिट को लेकर मारामारी की स्थिति बन गई है। सड़क पर भी मानक से अधिक दिखती गाड़ियां, काफी कुछ कहानी बयां करने लगी है। इसको देखते हुए जहां अब प्रशासनिक स्तर पर भी परमिट की कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर नजर गड़ाए जाने का काम शुरू हो गया है। वहीं पहली बार एक्सपायर अवधि वाले लाइसेंस की आड़ में परमिट जारी करने के खेल ने जिले से लेकर सूबे के राजधानी तक हड़कंप की स्थिति पैदा कर रखी है। ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार भी परमिट को लेकर सिंडीकेट सक्रिय होने की बात स्वीकार करते हैं। कहा कि लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। वाहनों की चेकिंग के साथ ही खनन और क्रशर बेल्ट की निगरानी के लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। जल्द ही बड़ी कामयाबी सामने होगी।