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Sonbhadra:पशु तस्करी रोकने में शहीद हुए जवान को लेकर लोगों में गुस्सा,कार्रवाई के लिए आवाज बुलंद

Sonbhadra News: बिहार सीमा से सटे रायपुर थाना क्षेत्र में पशु तस्करों की वर्षों से जमी जड़ों ने जहां एक पुलिसकर्मी की बलि ले ली। वहीं, पशु तस्करी रोकने में शहीद हुए जवान को लेकर अब तक बड़ी कार्रवाई न होने को लेकर लोगों में गुस्सा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 Jun 2023 5:35 PM IST
Sonbhadra:पशु तस्करी रोकने में शहीद हुए जवान को लेकर लोगों में गुस्सा,कार्रवाई के लिए आवाज बुलंद
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Constable death for stopping animal trafficking,Sonbhadra

Sonbhadra News: बिहार सीमा से सटे रायपुर थाना क्षेत्र में पशु तस्करों की वर्षों से जमी जड़ों ने जहां एक पुलिसकर्मी की बलि ले ली। वहीं, पशु तस्करी रोकने में शहीद हुए जवान को लेकर अब तक बड़ी कार्रवाई न होने को लेकर लोगों में गुस्सा है। लोगों की तरफ से सोशल मीडिया तथा विभिन्न ग्रुपों में जहां इसको लेकर आवाज उठाई जा रही है। वहीं, हादसे के एक सप्ताह बाद भी, चिन्हित किए गए चार तस्करों में से अब तक महज एक की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में फरार तस्करों की गिरफ्तारी और तस्करी से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबिश का क्रम जारी है।

यह है पूरा घटनाक्रम

बताते चलें कि बेखौफ पशु तस्करों ने गत 13 जून को रायपुर थाना क्षेत्र के वैनी चौराहे पर पिकेट ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल संदीप सिंह (38) निवासी मदनही थाना नंदगंज, जिला गाजीपुर को बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पिकअप से कुचल दिया था। इसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए वाराणसी स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई।

मौत की खबर मिलते ही दिखने लगी गम और गुस्से की स्थिति

जैसे ही कांस्टेबल के मौत की खबर आई। वैसे ही जहां उसके सहकर्मियों में गम और गुस्से की स्थिति देखने को मिली। वहीं जनसामान्य की तरफ से भी इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई। कई लोगों ने जाबांज सिपाही की मौत पर दुख जताते हुए, पशु तस्करों और उनसे जुड़े सिंडीकेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर भी कार्रवाई की मांग तेजी से उठाई गई।

शराब-गांजा तस्करी की तरह, पशु तस्करों पर भी कसेगा शिकंजा? एसपी पर टिकी निगाहें

कांस्टेबल की मौत के बाद, वर्षों से पशु तस्करों के लिए सेफजोन बना रायपुर थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाला पशु तस्करी का रूट और इस रूट से होने वाली तस्करी पर बड़ा शिकंजा कसेगा या फिर जवान की बलि भी तस्करों को संरक्षण देने वाले सिंडीकेट के हनक के आगे बेकार चली जाएगी? इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। हालिया दिनों में जिस तरह से शराब और गांजा तस्करों पर कार्रवाई सामने आई है, उसको देखते हुए, हर किसी की निगाहें एसपी डा. यशवीर सिंह पर टिकी हुई हैं।

मामा-भांजे का सिंडीकेट दे रहा पशु तस्करी को संरक्षण

चर्चाओं पर ऐतबार करें तो रायपुर थाना क्षेत्र से होकर बिहार के लिए होने के लिए तस्करी को मामा-भांजे की अगुवाई वाले सिंडीकेट का संरक्षण मिला हुआ है। भांजे की रायपुर थाने में अच्छी दखल के साथ ही, उसकी पुलिस विभाग के कई लोगों से अच्छी नजदीकी होने की चर्चा है। चर्चा है कि बिहार के टोड़ी-भगवानपुर क्षेत्र निवासी मामा यूपी और बिहार दोनों राज्यों के सिंडीकेट को संभालता है। वहीं रायपुर क्ष़्ोत्र निवासी भांजा, रायपुर थाना क्षेत्र में तस्करी का रैकेट और यहां से गुजरने वाले वाहनों को सीमा पार कराने की जिम्मेदारी देखता है। इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है? यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल, पशु तस्करों की तरफ से पुलिस को सीधी चुनौती, नए थानेदार की तैनाती के अगले ही दिन बड़ी वारदात के बावजूद, अब तक पशु तस्करों पर बड़ा एक्शन न होने को लेकर चर्चाएं जारी हैं।

दिखाई गई होती संजीदगी तो शायद नहीं होती कांस्टेबल के शहीद होने की घटना

लोगों की मानें तो घटना के एक सप्ताह पूर्व भी पशु तस्करों ने वैनी चौराहे पर पिकअप से धक्का मारकर पुलिस की बैरीकेडिंग तोड़ दी। घटना के एक दिन पूर्व वैनी चौराहे से होकर मवेशियों से लदे तीन वाहनों को पार होने की भी बात सामने आई थी। कहा जा रहा है कि अगर इन दोनों मामलों पर संजीदगी दिखा दी गई होती तो शायद कांस्टेबल को रौंदने की घटना सामने नहीं आ पाती।

शहीद कांस्टेबल की आत्मा की शांति के लिए एसपी से कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना को लेकर एसपी के नाम जारी एक खुले पत्र में जिले के सभी थाना क्षेत्रों में सक्रिय पशु तस्करों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई, तस्करी से अर्जित संपत्ति कुर्क करने, उनके मकानों पर बुलडोजर चलाने, रायपुर थाना क्षेत्र में पुलिस के लिए कथित कारखास की भूमिका जांचते हुए कार्रवाई करने, रायपुर थाने के पास के एक व्यक्ति द्वारा पन्नूगंज थाने के नाम पर गाड़ियों से वसूली करनेे, तस्करों की कुर्क संपत्ति को नीलाम कर, मृत सिपाही के परिवार को 50 लाख की मदद देने, मामले की उच्च स्तरीय जांच और तस्करी को लेकर रायपुर और पन्नूगंज थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका जांचने की मांग उठाई गई है।

जल्द दिखेगी बड़ी कार्रवाई: सीओ

सीओ सदर आशीष मिश्रा ने कहा कि घटना की एफआईआर दर्ज कर तस्करों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ कार्रवाई का क्रम जारी है। जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी।

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