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Sonbhadra News: 1100 करोड़ का हाइवे: पार्ट-।।, पुल-फ्लाईओवर का अंधेरा छीन रहा जिंदगी, जान जोखिम में रखकर आवागमन
Sonbhadra News: मुख्यालय पर बना अनोखा फ्लाईओवर पूरी बारिश में झरने जैसा नजारा दिखाता है। वहीं, दुर्घटना और आवागमन करने वालों की फजीहत का कारण बना रहता है। इसको लेकर डीएम-एडीएम की तरफ से संबंधितों को कई निर्देश दिए जा चुके हैं।
Sonbhadra News: डाला के पास वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग स्थित पुल में आई दरार को लेकर सुर्खियों में आए हाइवे से जुडे पुल और फ्लाईओवरों पर लंबे समय से छाए अंधेरे को लेकर भी, अब तक कोई पहल सामने न आना बड़ा मसला बना हुआ है। लोगों का कहना है कि उपसा के स्वामित्व वाले हाइवे के देखरेख और वसूली का जिम्मा संभालने वाले कंपनी और हाइवे की निगरानी से जुड़े अफसरों के अलग ही नखरे हैं। डीएम-एडीएम के लगातार निर्देश के बावजूद साइड रास्तों की सही देखरेख, यात्रियों के ठहराव के इंतजाम, फ्लाईओवर, पुल एवं अन्य जरूरी जगहों पर रोशनी जैसे इंतजाम, टोल वसूली शुरू होने के सात साल बाद भी नदारद हैं।
मुख्यालय पर अनोखा फ्लाईओवर बारिश में दिखाता है झरने जैसा नजारा
मुख्यालय पर बना अनोखा फ्लाईओवर पूरी बारिश में झरने जैसा नजारा दिखाता है। वहीं, दुर्घटना और आवागमन करने वालों की फजीहत का कारण बना रहता है। इसको लेकर डीएम-एडीएम की तरफ से संबंधितों को कई निर्देश दिए जा चुके हैं, बावजूद सड़क सुरक्षा और नागरिक सुविधाओं से जुड़े इंतजामों को लेकर संबंधितों पर फर्क पड़ने का नाम नहीं ले रहा। अलबत्ता हाइवे पर वाहनों के चक्के के जरिए बनी गहरी लकीर सड़क निर्माण के गुणवत्ता पर सवाल उठाने के साथ ही, बाइक सवारों के गिरकर तथा अनियंत्रित होकर, भारी वाहनों की चपेट में आने का बड़ा कारण बनी हुई है।
अधिकारियों के सिर फोड़ा इको सेंसटिव जोन में निर्माण का ठीकरा
हाइवे निर्माण की गुणवत्ता, जरूरी सुविधाओं के साथ ही, जिला मुख्यालय क्षेत्र के लोढ़ी में इको सेंसटिव जोन में टोला प्लाजा, कार्यालय, आवासीय भवन का निर्माण भी बड़ा मसला बना हुआ है। एनजीटी के निर्देश पर हुई जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। वहीं 20 साल तक देखरेख की जिम्मेदारी संभालने वाली तथा टोल टैक्स वसूली कर रही कंपनी ने एनजीटी में, अगर निर्माण गलत था तो अब तक कार्रवाई क्यूं नहीं हुई, का सवाल उठाकर अधिकारियों पर ही ठीकरा फोड़ दिया है।
एनजीटी दे सकती है 22 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला
वहीं याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता आशीष चौबे ने जिला मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर पर्यावरणीय नियमों-प्रावधानों की अनदेखी कर निर्माण करने और अभी भी निर्माण जारी रखने का बड़ा आरोप लगाया है। कहा कि उंची पहुंच की आड़ में वन्य जीवों के लिए आरक्षित जमीनों पर मनमाना निर्माण कर, नियमों-प्रावधानों से खिलवाड़ किया जा रहा है। बता दें कि प्रकरण को लेकर अब सभी की निगाहें एनजीटी पर टिकी हुई हैं। कहा जा रहा है कि 22 अगस्त को लोढ़ी स्थित टोल प्लाजा के निर्माण पर ऐतिहासिक फैसला आ सकता है।