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Sonbhadra News: शिवकुमार हत्याकांड के दोषी एकलाख को उम्रकैद, हत्या के 20 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

Sonbhadra News: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने सुनवाई की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की ओर से पेश की गई दलीलों को दृष्टिगत दोषसिद्ध पाया और दोषी एकलाख अहमद को उम्रकैद के साथ ही 35 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 July 2023 3:20 PM GMT
Sonbhadra News: शिवकुमार हत्याकांड के दोषी एकलाख को उम्रकैद, हत्या के 20 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
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(Pic: Social Media)

Sonbhadra News: घोरावल थाना क्षेत्र में साढ़े 20 वर्ष पूर्व शिवकुमार केशरी की हत्या कर शव फेंकने के मामले में दोषी एकलाख को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर 35 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। बुधवार को इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने सुनवाई की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की ओर से पेश की गई दलीलों को दृष्टिगत दोषसिद्ध पाया और दोषी एकलाख अहमद को उम्रकैद के साथ ही 35 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है।

आरोपियों ने ऐसे किया था हत्या

अभियोजन के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के टैक्सी स्टैंड ओबरा निवासी राजकुमार केशरी पुत्र स्व. सालिक राम केशरी ने 5 अगस्त 2002 को ओबरा थाने में पहुंचकर तहरीर दी। इसके जरिए पुलिस को अवगत कराया कि ओबरा थाने में दी तहरीर में 3 अगस्त 2002 को उसका भाई शिवकुमार कुछ लोगों को अपनी गाड़ी से विंध्याचल दर्शन कराने लेकर गया था, जो अब तक वापस नहीं आया है। काफी तलाश-खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चल रहा था। इसी दौरान पता चला कि एक लाश घोरावल थाना क्षेत्र मे मिली है। जब परिवार वालों के साथ वह घोरावल गया तो वहां मिले शव की शिनाख्त शिवकुमार के रूप में हुई।

उसका कहना था कि उसे इस बात का पूर्ण विश्वास है कि जो लोग विंध्याचल दर्शन करने गए थे उन्हीं लोगों ने हत्या करके लाश को घोरावल क्षेत्र में फेंक दिया है। इस तहरीर पर ओबरा पुलिस ने अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। प्रकरण की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक ने बिहार प्रांत के बक्सर जिला अंतर्गत धनसेई थाना क्षेत्र के छतवाना गांव निवासी एकलाख अहमद पुत्र शेख वाशिल अहमद सहित चार के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की।

मामले की सुनवाई करते हुए, चार में तीन के मुकदमें का पूर्व में निस्तारण कर दिया गया। चौथा आरोपी एकलाख अहमद अदालत में हाजिर नहीं हो रहा था। इसकी वजह से उसकी पत्रावली को अलग कर दी गई थी। उसके हाजिर आने के बाद मामले की सुनवाई शुरू की गई और अदालत में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की तरफ से पेश किए गए तर्कों, गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार दोषसिद्ध पाया गया। इसके बाद बुधवार को मामले में दोषी एकलाख अहमद को उम्रकैद व 35 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से केस की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह द्वारा की गई।

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