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Sonbhadra News: नमामि गंगे के गोदाम में लगी भीषण आग की रिपोर्ट तलब, आठ घंटे तक धधकती रही थी आग, करोड़ों में नुकसान
Sonbhadra News: नमामि गंगे योजना के तहत सोनभद्र में चल रहे हर घर नल योजना से जुड़े जिले के मुख्य गोदाम में रविवार को आठ घंटे तक धधकती आग को लेकर, डीएम चंद्रविजय सिंह ने पूरी रिपोर्ट तलब की है।
Sonbhadra News: नमामि गंगे योजना के तहत सोनभद्र में चल रहे हर घर नल योजना से जुड़े जिले के मुख्य गोदाम में रविवार को आठ घंटे तक धधकती आग को लेकर, डीएम चंद्रविजय सिंह ने पूरी रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने एडीएम नमामि गंगे को मामले से जुड़ी जानकारी और आग लगने के चलते हुए नुकसान का पूरा ब्यौरा मांगा है। बताया जा रहा है कि डीएम के निर्देश के क्रम में नुकसान का आंकलन भी शुरू करा दिया गया है। चर्चाओं में जहां 40 करोड़ का नुकसान बताया जा रहा है। वहीं अधिकृत रूप से नुकसान को लेकर भी कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है। न ही आग कैसे लगी, इसकी ही जानकारी अब तक सामने आ पाई है।
बताते चलें कि नमामि गंगे के तहत हर घर नल योजना के चल रहे कार्य से जुड़े सामग्रियों की पूर्ति के लिए कार्यदायी संस्था की तरफ से घोरावल थाना क्षेत्र के कर्रीबरांव गांव में बेलन लदी किनारे 15 से 16 बीघे एरिया में मुख्य गोदाम बनाया गया है। बताते हैं कि बाहर से लाई जाने वाली सामग्री का यहां स्टोर किया जाता है। इसके बाद यहीं से जरूरत अनुसार जिले के अन्य हिस्सों में सामग्री की आपूर्ति की जाती है। बताया जा रहा है कि रविवार को जिस वक्त वहां आग लगी, उस समय वहां लगभग 60 करोड़ की सामग्री स्टोर थी। इस अगलगी में लगभग 40 करोड़ की सामग्री जलकर नष्ट होने की चर्चा तेजी से बनी हुई है।
नमागि गंगे योजना
लगातार आठ घंटे तक धधकती आग के चलते लगभग 20 करोड़ की सामग्री बचाने में मिली कामयाबी के लिए, घोरावल के सीओ अमित कुमार की तरफ से लिए गए सूझ-बूझ भरे निर्णय की सराहना भी की जा रही है। इस बारे में डीएम चंद्रविजय सिंह ने बताया कि एडीएम नमामि गंगे से घटना और नुकसान के बारे में रिपोर्ट तलब की गई है। उनकी निगरानी में संबंधित कार्यदायी संस्था की तरफ से नुकसान का आंकलन भी कराया जा रहा है। उधर, इस बारे में जानकारी के लिए एडीएम नमामि गंगे आशुतोष द्विवेदी से सेलफोन के जरिए संपर्क किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए। बता दें कि नमागि गंगे योजना के तहत जिले में कई महत्वपूर्ण पेयजल परियोजनाओं का निर्माण कराया गया है। जल्द से जल्द लोगों के घरों तक पानी पहुंचना शुरू हो, इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं।
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कहीं कार्यदायी संस्था की लापरवाही से तो नहीं लगी भीषण आग
खुले इलाके में करोड़ों का सामान स्टोर करना और तपती गर्मी के समय भी आग से बचाव को लेकर मौके पर कोई इंतजाम न रखने को, भीषण आग का बड़ा कारण बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर मौके पर अग्निशन का प्राथमिक इंतजाम रहा होता है तो आग लगने के समय से उसे आसानी से काबू कर लिया गया होता लेकिन मौके पर कोई इंतजाम न होने का परिणाम यह हुआ कि जब तक मौके पर अग्निशमन दस्ता पहुंचा, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।