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Sonbhadra News: वाहन रिलीज फर्जीवाड़े में तत्कालीन एआरटीओ सहित दो गिरफ्तार, 25 हजार का घोषित था इनाम
Sonbhadra News: कोरानाकाल में आपदा को अवसर बनाकर वाहन रिलीज आर्डर में किए गए फर्जीवाड़े की आंच आखिरकार परिवहन महकमे तक पहुंच ही गई। मामले में पुलिस ने सोनभद्र के तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय और उनके करीबी एवं चालक त्रिलोकीनाथ पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है।
Sonbhadra News: कोरानाकाल में आपदा को अवसर बनाकर वाहन रिलीज आर्डर में किए गए फर्जीवाड़े की आंच आखिरकार परिवहन महकमे तक पहुंच ही गई। मामले में पुलिस ने सोनभद्र के तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय और उनके करीबी एवं चालक त्रिलोकीनाथ पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है। तत्कालीन एआरटीओ की फरारी और फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह में उनकी मुखिया की भूमिका को देखते हुए पुलिस ने उन पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था। वाराणसी के मोहनसराय स्थित फार्महाउस से दोनों की गिरफ्तारी की गई। पुलिस लाइन में गिरफ्तारी सार्वजनिक करने के बाद रिमांड मजिस्ट्रªेट के यहां पेश किया गया। वहां न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दोनों को गुरमा स्थित जिला कारागार भेज दिया गया। मामले में अभी वैभव मिश्रा नामक एक आरोपी की गिरफ्तारी होनी है, जिसकी तलाश जारी है।
पुलिस लाइन में दोपहर बाद सोनभद्र से अगस्त 2022 में सेवानिवृत्त हो चुके एआरटी पीएस राय और उनके निजी चालक त्रिवेणी की गिरफ्तारी सार्वजनिक की गई। एएसपी ऑपरेशन त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि मामले में एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने फरार आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दे रखा था। इसको लेकर उनके और सीओ दुद्धी दद्दन प्रसाद के पर्यवेक्षण में एसओजी/सर्विलांस और थाना म्योरपुर की टीम लगातार, फरारी काट रहे आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। मिली सूचना के आधार पर रविवार की देर शाम वाराणसी में पंडितपुर, मोहनसराय वाराणसी स्थित पीएस राय के फार्म हाउस पर दबिश डाली गई, जहां पीएस राय निवासी सोहाव थाना नरही, जिला बलिया, हाल पता दयाल टावर दुर्गाकुंड, थाना भेलूपुर, वाराणसी और फरारी के दौरान उनको शरण देने वाले, उनके चालक त्रिवेणी निवासी कल्याणपुर थाना सारनाथ, वाराणसी मौजूद मिले। कब्जे से एक वाहन स्विफ्ट डिजायर, 1.40 लाख नगद, पांच मोबाइल सेट और एक राउटर भी बरामद किया गया। पूछताछ के बाद सोमवार को दोनों का चालान कर दिया गया।
अपने ही बिछाए जाल में उलझ गए पीएस राय, 2020 से 2022 तक चलता रहा फर्जीवाड़ाः
मई 2022 में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी, पहले विभागीय स्तर पर वाहनों को ब्लैकलिस्टेड कर मामले को मैनेज करने की कोशिश हुई। उपर के अधिकारी भी पत्राचार का खेल खेलने में लगे रहे। 19 जुलाई 2022 को जब सबसे पहले न्यूजट्रैक ने इसका खुलासा किया और खबरों के जरिए फजीवाड़े की परत दर परत पोल खोलने का क्रम जारी रखा। तब 30 जुलाई को मामले में तत्कालीन एआरटीओ पीएस राय ने वादी बनकर मामले में म्योरपुर, दुद्धी, बभनी, विंढमगंज और हाथीनाला में 57 वाहन स्वामियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और वाहन चालकों और स्वामियों को फर्जीवाड़े का आरोपी ठहराया लेकिन पुलिस की जांच शुरू हुई तो पीएस राय अपने ही बिछाए जाल में उलझते चले गए और भगोड़ा घोषित होने के बाद, अपने ही फार्महाउस से दबोच लिए गए।
एएसपी त्रिभुवन नाथ तिवारी ने बताया कि विवेचना से यह बात प्रमाणित हुई है कि तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण शंकर राय और प्रवर्तन लिपिक विनोद श्रीवास्तव ने एआरटीओ कार्यालय में प्राइवेट रुप से काम करने वाले व्यक्तियों, दलालों और वाहन पासरों का एक संगठित गिरोह बना रखा था और वाहन स्वामियों से मिलने वाली जुर्माने की राशि को विभाग की वेवसाइड पर न दिखाकर, फर्जी रिलीज आर्डर जारी करते हुए धनराशि हजम कर ली जाती थी। मामले में आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी थी। पीएस राय लगातार फरार चल रहे थे। इसको देखते हुए अदालत ने जहां धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई का आदेश दिया था। वहीं म्योरपुर थाने पर भी फरारी को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी। चूंकि पीएस राय की भूमिका गिरोह के मुखिया यानी मास्टरमाइंड की थी, इसलिए उनकी शीघ्र गिरफ्तारी हो, इसके लिए एसपी ने उन पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
गिरफ्तारी में इनकी रही प्रमुख भूमिका
प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर लक्ष्मण पर्वत, निरीक्षक राजेश सिंह, प्रभारी सर्विलांस सेल, निरीक्षक शेषनाथ पाल प्रभारी एसओजी एसआई बृजेश कुमार पांडेय, चौकी प्रभारी लिलासी, मुख्य आरक्षी जगदीश मौर्या, अतुल सिंह, अमर सिंह, शशि प्रताप सिंह, सौरभ राय, प्रकाश सिंह, अमित सिंह, प्रदीप कुमार, आरक्षी रितेश सिंह पटेल, अजीत यादव, आरक्षी चालक सुधाकर सिंह की आरोपियों की गिरफ्तारी में प्रमुख भूमिका रही।