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यूपी के इस शहर में धधकते गोले गिरने से हड़कंप, जांच में इस बात की हुई पुष्टि...

नगर मजिस्ट्रेट को स्थानीय स्तर पर जांच के लिए नामित कर दिया गया है। गाजियाबाद के साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के यार्ड में गुरुवार रात बारिश के दौरान आकाश से आग के गोले गिरने से हड़कंप मच गया था।

राम केवी
Published on: 8 March 2020 5:21 PM IST
यूपी के इस शहर में धधकते गोले गिरने से हड़कंप, जांच में इस बात की हुई पुष्टि...
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लखनऊ। यूपी के इस शहर में उल्का पिंड जैसे धधकते गोले आकाश से गिरने से लोगों में दहशत है और अभी तक वह सदमे से नहीं उबर पाए हैं। बताते हैं करीब तीन दिन पहले ओला और बारिश के दौरान आकाश से जलते हुए आग के कई गोले गिरे। ओलों के साथ जलते हुए गोले गिरने से हड़कंप मच गया। अब सरकार भी इन गोलों के उल्का पिंड होने की संभावना से इनकार नहीं कर रही है।

यह गोले गाजियाबाद के साहिबाबाद रेलवे यार्ड में गिरे थे। लोगों की चिंता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन गोलों के अवशेषों को भू वैज्ञानिकों के पास भेज कर जांच कराई तो प्रारंभिक रिपोर्ट में इनमें सोडियम मिला है। वैज्ञानिकों ने भी अभी इनके उल्का पिंड का अंश होने की संभावना से इनकार नहीं किया है। अब इन पिंडों के अवशेषों को विस्तृत जांच के लिए लखनऊ में विज्ञान और प्रोद्योगिकी परिषद की लैब में भेजा गया है।

इसके अलावा नगर मजिस्ट्रेट को स्थानीय स्तर पर जांच के लिए नामित कर दिया गया है। गाजियाबाद के साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के यार्ड में गुरुवार रात बारिश के दौरान आकाश से आग के गोले गिरने से हड़कंप मच गया था।

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स्थानीय लोग इसके उल्कापिंड होने का दावा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि करीब दस-दस मिनट के अंतराल पर तीन स्थानों पर आग के गोले गिरे। लोगों में अचरज इस बात को लेकर है कि बारिश के बावजूद घंटों तक गोलों में आग थी।

बुझाने के प्रयास पर धधकी आग

लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग और तेज हो कर धधक उठी। लोगों ने इन आग के गोलों से बदबू आने की बात भी कही है। सूचना मिलने पर दमकल भी मौके पर गई थी। आग को तो उन्होंने बुझा दिया था। लेकिन ये क्या है ये पता नहीं चल पाया।

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कई लोगों ने आकाश से गिरे टुकड़ों को अपने घर लेकर जाकर रख लिया था। लोगों का कहना था कि तेज बारिश में आग से धधकता हुआ यह पत्थर उल्का पिंड हो सकता है। कुछ लोग पत्थर को पानी में डाल कर देख रहे थे। पानी में पत्थर को डालने पर सफेद झाग बन रहा था।

इनका दावा कि ये है उल्का पिंड

स्थानीय जानकारों का यह भी कहना है कि उल्का पिंड में बहुत महीन छेद बने हुए हैं। यह शनि के उपग्रह हिपेरायन के अवयव हो सकते हैं। जो सौरमंडल में घूमते हुए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की वजह से अंदर आ गए और बहुत तेजी से वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद धरती पर टूटते हुए गिरे। पृथ्वी में प्रवेश के समय इस उल्कापिंड का आकार एक फुटबाल मैदान जितना बड़ा हो सकता है, लेकिन टूटते हुए आने के बाद गिरे टुकड़े मूल टुकड़े का एक छोटा अंश हो सकते हैं। वास्तविकता जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।



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राम केवी

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