Stray Dogs:आवारा कुत्तों की नसबंदी पर लगी रोक, उनकी उम्र पता करना है कठिन समस्या

Stray Dogs: भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अधिकारी कहते हैं आवारा कुत्तों को पकड़ने, आश्रय,नसबंदी, टीकाकरण एवं वापस छोड़ने के नियमों को तोड़ने पर पशु कल्याण बोर्ड के अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे। सिर्फ उन्हीं कुत्तों को मारा जा सकता है जो लाइलाज बिमारी से पीड़ित हो। बाकी कुत्तों को ठीक कर उनके इलाके में छोड़ा जाएगा।

Vertika Sonakia
Published on: 1 May 2023 6:16 PM GMT
Stray Dogs:आवारा कुत्तों की नसबंदी पर लगी रोक, उनकी उम्र पता करना है कठिन समस्या
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आवारा कुत्तों की नसबंदी में लगी रोक(फ़ोटो: सोशल मीडिया)

Stray Dogs: पशु कल्याण बोर्ड के पशु जन्म नियंत्रण का नया नियम कहता है कि आवारा कुत्तों की जनसंख्या को कम करने की आवश्यकता है। इसके लिए नसबंदी और टीकाकरण ही एकमात्र माध्यम है। नसबंदी में कई तरह की पाबंदियां लग चुकी है जिससे ये कठिन कार्य हो गया है। पशु जन्म नियंत्रण का नया नियम रेजिडेंस वेलफेयर असोसिएशन को आवारा कुत्तों की देखभाल करने और सभी बच्चे बुजुर्गों को उनसे दूर रखने की सलाह देता है।

पशु कल्याण बोर्ड के नए नियम का उद्देश्य
पशु कल्याण बोर्ड के नए नियम को देश हैं आवारा पशुओं की जनसंख्या को कम करना है। समय समय पर पशु जन्म नियंत्रण के नियमों के बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं देखे गए हैं। इंसान प्रतिदिन इनके हमले का शिकार बनती है और इनसे बचने के लिए कोई उपाय नहीं है।

आवारा कुत्तों की उम्र का पता लगाने का कोई सिस्टम नहीं

कुत्तों की उम्र का अंदाजा लगाने का कोई सिस्टम अभी तक नहीं बना है। पशु कल्याण बोर्ड के एक अधिकारी कहते हैं “आवारा कुत्तों को पकड़ने, आश्रय,नसबंदी, टीकाकरण और वापस यथास्थान छोड़ने कि नियमों की अवहेलना पर स्थानीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। नियमों के अनुसार केवल उन्हीं कुत्तों को मारा जा सकता है जो लाइलाज बिमारी से पीड़ित हैं। बाकी जानवरों का इलाज कर उन्हें यथा स्थान छोड़ा जाए। छह महीने से अधिक उम्र के कुत्तों की ही नसबंदी की जाएगी।

जर्मनी का कानून बन सकता है भारतीयों के लिए आदर्श

कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या की समस्या झेल रहे पशु कल्याण बोर्ड के लिए जर्मनी और नीदरलैंड का कानून एक आदर्श बन सकता है। जर्मनी और नीदरलैंड की सड़कों पर एक भी आवारा कुत्ता दिखाई नहीं पड़ता है। भारत देश की मणिपुर, दादरा नगर हवेली और लक्ष्यदीप की सड़कों पर एक भी आवारा कुत्ता दिखाई नहीं पड़ता है। इन राज्यों ने कुत्तों की बढ़ती आबादी पर रोक लगाने में सफलता पाई है। पशु कल्याण बोर्ड की रिपोर्ट के कहती हैं कि इन राज्यों में एक वर्तमान समय में भी आवारा कुत्ता मौजूद नहीं है। 2012 की जनगणना में दादरा नगर हवेली में 2 हज़ार 173, मणिपुर में 23 आवारा कुत्ते हैं। इन राज्यों में कुत्तों की नसबंदी करने के कार्य सही ढंग से चल रहे हैं।

नीदरलैंड्स देश में होता सीएनवीआर फॉर्मूला लागू

नीदरलैंडस देश में सीएनवीआर फॉर्मूला लागू है। इसका अर्थ है कलेक्ट, न्यूटर, वैक्सीनेट और रिटर्न। आवारा कुत्तों को गली से उठाकर उन्हें नसबंदी का टीका लगाया और फिर वापस यथास्थान छोड़ दिया। आश्रय गृहों से कुत्तों को अपनाने की सलाह दी जाती है और कुत्ते खरीदारी पर टैक्स लगता है।

जर्मनी देश में आवारा कुत्तों के लिए कोई जगह नहीं है

जर्मनी में कुत्तों का पंजीकरण कर उनके माइक्रोचिप लगा दी जाती है जिससे उन्हें आवारा छोड़ना संभव नहीं है। यदि कोई कुत्ता आवारा घूमता पाया गया तो माइक्रो चिप को स्कैन करके उसके मालिक का पता लगाया जाता है। मालिक को भारी जुर्माना भरना पड़ता है। सभी कुत्ते रखने वाले मालिको के लिए प्रतिवर्ष टैक्स भी लागू होता है।

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