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जनपद में ठहर गए 108, 102 व एएलएस एंबुलेंस के पहिये 

जिले भर में 108 एवं 102 और एएलएस एंबुलेंस सेवा के चालक एवं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) काम ठप कर सोमवार को हड़ताल पर रहे। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर पड़ा।

SK Gautam
Published on: 30 May 2023 11:29 PM IST
जनपद में ठहर गए 108, 102 व एएलएस एंबुलेंस के पहिये 
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एटा: 23 सितम्बर जनपद मुख्यालय पर सोमवार को जीटी रोड स्थित जिला अस्पताल परिसर में जीवन दायिनी 108 व 102 और ए.एल.एस. एम्बुलेंस यूनियन संघ द्वारा हड़ताल कर दी गयी जिसके कारण मरीजों को अपनी जान पर खेलना पड़ रहा है । स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर आज हड़ताल कर दी है ।

बता दें कि सरकारी एंबुलेंस स्टॉफ ने विरोध जताते हुए सभी एंबुलेंस जिला अस्पताल परिसर में कतारबद्ध खड़ी कर दिया है ।शहर के ग्रामीण अंचल में कॉल के बाद भी एंबुलेंस न पहुंचने से मरीजों को अस्पताल तक लाने में परिजन परेशान रहे और हड़ताल का सबसे अधिक असर मरीजों पर पड़ा।

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मरीजों को भारी दिक्कतों का करना पड़ा सामना

जिले भर में 108 एवं 102 और एएलएस एंबुलेंस सेवा के चालक एवं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) काम ठप कर सोमवार को हड़ताल पर रहे। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर पड़ा। हादसे में घायलों, गर्भवती एवं प्रसूताओं को भेजने में दिक्कत हुई। स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस सेवा कर्मचारी संघ के बैनर तले चालक एवं ईएमटी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उन्होंने जिलाधिकारी, सीएमओ से लेकर आला अफसरों को पूर्व घोषित हड़ताल करने की सूचना दी।

मांगें पूरी न होने पर सोमवार को सुबह से ही कार्य ठप कर दिया गया। सभी अपनी-अपनी एंबुलेंस लेकर जिला अस्पताल परिसर में पहुंच गए। इससे अलीगंज, मारहरा, मिरहची, राजा का रामपुर, जलेसर, निधौलीकलां आदि सीएचसी और पीएचसी में मरीजों को पहुंचाने में समस्या हुई।

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इस कारण हुआ है हड़ताल

इस दौरान उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत 108 एंबुलेंस सेवा के चालक एवं ई.एम.टी. को 100 रुपये तथा 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों को 60 रुपये प्रति केस दिए जाते हैं। केस नहीं मिलने पर दिहाड़ी तक नहीं मिलती है। इसलिए कर्मचारी पायलट प्रोजेक्ट का विरोध किया गया।

वहीं स्थाई कर्मचारियों को 8923 रुपये मासिक वेतन मिलता है। वह भी समय से नहीं। लंबे समय से वेतन भी नहीं बढ़ाया गया है।

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उन्होंने मांग की है कि पायलेट प्रोजेक्ट बंद किया जाए, समान कार्य लेकर समान वेतन दिया जाए, कर्मचारी शोषण न किया जाए, फर्जी केस टारगेट बंद हो, निकाले गए सभी ई.एम.टी. पायलेट तत्काल बहाल किए जाएं और सत्र 2015 से कर्मचारियों का 12 वाॅ प्रति वेतन वृद्धि, सैलरी शिल्प दिलाई जाए।



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SK Gautam

SK Gautam

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