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कभी बेचते थे फल: बन गए करोड़ों के मालिक, यहां जानें मो. इकबाल का कमाल

ईडी के पूर्व एमएलसी और खनन माफिया मोहम्मद इकबाल की 1097 करोड़ रुपए की सम्पत्तियों को प्रर्वतन निदेशालय से अटैच होने के बाद कुछ और बड़े राजनीतिक सफेदपोशों के नाम सामने आ सकते हैं।

SK Gautam
Published on: 9 March 2021 2:58 PM GMT
कभी बेचते थे फल: बन गए करोड़ों के मालिक, यहां जानें मो. इकबाल का कमाल
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कभी बेचते थे फल: बन गए करोड़ों के मालिक, यहां जानें मो. इकबाल का कमाल

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। पिछले एक दशक से दबी चीनी मिल घोटाले की फाइलें एक बार फिर खुलना शुरू हो गयी हैं। 2007 से 2012 की मायावती सरकार के दौरान हुए 1100 करोड़ के कथित घोटाले का मामला इन दिनों राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ईडी के पूर्व एमएलसी और खनन माफिया मोहम्मद इकबाल की 1097 करोड़ रुपए की सम्पत्तियों को प्रर्वतन निदेशालय से अटैच होने के बाद कुछ और बड़े राजनीतिक सफेदपोशों के नाम सामने आ सकते हैं।

आखिर क्या था चीनी मिल घोटाला

इस बडे़ चीनी मिल घोटालें में मायावती सरकार में लगभग 11 चीनी मिलों को बेहद सस्ते दामों में बेंच दिया गया। इनमें से कुछ मिलों को जबरन बेकार दिखाया गया। जिससे लगभग 1179 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। इस पूरे घोटाले में सरकार के कुछ बडे़ नेताओं का भी संरक्षण मिला हुआ था।

कभी फलों की दुकान करता था मोहम्मद इकबाल

बताया जाता है कि करीब दस साल पहले मोहम्मद इकबाल की सहारनपुर में फलों की दुकान हुआ करती थी। ईडी ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि मोहम्मद इकबाल ने कई कालेजों को करोड़ों का डोनेशन दिया है जिसके बाद इस कांड की परत दर परत खुलती गयी।

Sugar mill scam

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चीनी मिलों को बेंचने के अलावा भी कई हैं आरोप

ईडी हाजी इकबाल की संपत्ति अटैच करने की तैयारी कर रहा था। हाजी इकबाल पर चीनी मिलों की खरीद-बिक्री के अलावा भी अन्य कई तरह के आरोप हैं। हाजी इकबाल के अलग अलग मामलों की जांच में आईबी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, सीवीसी, सेबी, डीआरआई, सीबीडीटी, एनजीटी जैसी एजेंसियां कर रही हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने सात कंपनियों को किया है अटैच

ईडी ने मोहम्मद इकबाल की की कुल सात संपत्तियों को अटैच किया है। हाजी इकबाल पर कई और भी आरोप हैं, जिनमें अवैध खनन से नामी, बेनामी संपत्ति खरीदने जैसे मामले हैं। बताया जा रहा है कि 2500 करोड़ की संपत्तियां ईडी के निशाने पर हैं।

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योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही कहा था कि पिछली सरकारों के घोटाले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद 12 अप्रैल, 2018 को चीनी मिल घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने अप्रैल, 2019 में चीनी मिल घोटाले का केस दर्ज किया था। सीबीआई ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में सात नवंबर 2017 को दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाते हुए सात चीनी मिलों में हुई धांधली में रेगुलर केस दर्ज किया था।

SK Gautam

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