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Sun Halo: आसमान में सूर्य के चारो और दिखा अद्भुद खगोलीय नजारा, लोग हुए आश्चर्यचकित

Sun Halo: आज आसमान में ऐसा खगोलीय नजारा देखा जा रहा जिसमें सूरज के चारों ओर सतरंगी इंद्रधनुषीय घेरा बना हुआ है। विज्ञान की भाषा में इस घटना को 'सन हॉलो' (Sun Halo) कहा जाता है । यह अद्भुत सन हॉलो प्रयागराज के आस-पास के इलाकों में देखने को मिला।

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Published on: 28 April 2023 7:09 PM IST (Updated on: 28 April 2023 7:34 PM IST)
Sun Halo: आसमान में सूर्य के चारो और दिखा अद्भुद खगोलीय नजारा, लोग हुए आश्चर्यचकित
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आसमान में सूर्य के चारो और दिखा सन हॉलो

Sun Halo: आज आसमान में ऐसा खगोलीय नजारा देखा जा रहा जिसमें सूरज के चारों ओर सतरंगी इंद्रधनुषीय घेरा बना हुआ है । विज्ञान की भाषा में इस घटना को 'सन हॉलो' (Sun Hallo) कहा जाता है । मौसम वैज्ञानिको के अनुसार यह धरती से करीब 20 हज़ार फ़ीट ऊपर पतले सिरस के बादल है|

क्या है सन हॉलो

वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह आसमान में कभी-कभी दिखने वाला अद्भुत नजारा है । इसमें सूरज के चारों ओर एक इंद्रधनुषीय घेरा बन जाता है । वातावरण में मौजूद बर्फ के लाखों क्रिस्टलों में से सूरज की रोशनी परावर्तित होती है तो इससे 'सन हैलो' का खगोलीय नजारा दिखाई देता है। जब सूरज के चारों ओर एक छल्ले जैसी आकृति बन जाती है तो इसे सन हेलो कहा जाता है। यह एक साधारण वायुमंडलीय घटना है।

कब बनता है सन हॉलो

वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब सूरज धरती से 22 डिग्री के कोण पर होता है तो आसमान में मौजूद सिरस क्लाउड (ऐसे बादल जिनकी परत काफी पतली हो) में मौजूद पानी और बर्फ के कणों से होने वाले परावर्तन की वजह से ऐसी आकृति दिखाई देती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि भारत में इस तरह की घटनाएं काफी दुर्लभ हैं लेकिन ठंडे देशों में यह घटना बेहद सामान्य है। जब सूरज के आसपास नमी भरे बादल होते हैं और वह पानी क्रिस्टल की तरह काम करता है तब यह घटना होती है। यही वजह है कि ठंडे देशों में Sun Hallo दिखने लगता है। धूरपुर मौसम विज्ञानं केंद्र के अनुसार आइस क्रिस्टल पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के रिफ्लेक्शन की वजह से यही घेरा बनता है। गर्मी के दिनों में बनने वाला यह सन हॉलो एक सामान्य प्रक्रिया है। यह पूर्व में 19 अप्रैल को देखा जा चुका है। ऐसे अद्भुत नज़ारे आसमान में कभी कभी देखने को मिलते हैं| इस घटना को सामान्य आँखों से देखा जा सकता है।

सन हॉलो बनने के कारण

जब बर्फ के क्रिस्टल परिवर्तित और अपरिवर्तित होते हैं तो यह विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाते हैं, इसी कारण सन हॉलो का निर्माण होता है| यह क्रिस्टल प्रिज्म और मिरर की तरह दिखते हैं जो एक विशेष दिशा में रौशनी भेजने का कार्य करते हैं। सन हॉलो के कई रूप हो सकते हैं, ज़्यादातर ये रंगीन या सफ़ेद चले के रूप में दिखाई देते हैं। सन हॉलो को सन डॉग या सनबो या व्हर्लिंग रेनबो भी कहा जाता है। अमेरिका में इसे एक बदलाव के संकेत के रूप में देखा जाता है।

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