शुरू होगा मस्जिद का काम, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने किया ऐलान

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के नौ सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है।

Newstrack
Published on: 31 July 2020 8:15 AM GMT
शुरू होगा मस्जिद का काम, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने किया ऐलान
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के नौ सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है। यह ट्रस्ट अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद, अस्पताल, रिसर्च सेंटर सहित अन्य जरूरी सुविधाओं का निर्माण करेगा। यह ट्रस्ट कुल 15 सदस्यीय है, जिसमें छह सदस्यों को बाद में यह ट्रस्ट खुद नामित करेगा। जिसमें मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध वर्ग व जानी-मानी हस्तियों को नामित किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल ट्रस्ट की कोई बैठक नहीं रखी गई है। जल्द ही ट्रस्ट अपनी औपचारिकताएं पूरी कर अयोध्या में मानव कल्याण की कुछ अच्छी पहल करेगा।

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बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने बताया

बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि इसमें वह खुद मुख्य ट्रस्टी व अध्यक्ष होंगे। बोर्ड के सीइओ संस्थापक ट्रस्टी रहेंगे। लखनऊ के अतहर हुसैन को सचिव बनाया गया है। इसके अलावा गोरखपुर के अदनान फारुख शाह, मेरठ के फैज आफताब, लखनऊ के मो. जुनैद सिद्दीकी, बांदा के शेख सैदुज्जमां, लखनऊ के मो. राशिद व इमरान अहमद शामिल हैं। इनके साथ ही मस्जिद निर्माण ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ट्रस्ट को आधिकारिक प्रवक्ता भी बनाया है।

ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट का गठन पुराने सभी विवादों को खत्म कर कुछ नया व सकारात्मक करने के लिए हुआ है। इसी कोशिश में यह ट्रस्ट काम करेगा। अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर इंडो इस्लामिक सभ्यता का ऐसा प्रमुख केंद्र बिंदु होगा जिसकी पूरे विश्व में सकारात्मक चर्चा होगी।

सुन्नी वक्फ सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी का कार्यकाल 31 मार्च हुआ था

सुन्नी वक्फ सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी सहित पूरे बोर्ड का कार्यकाल 31 मार्च को पूरा हो गया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूरे बोर्ड को पिछले दिनों छह महीने का विस्तार दिया था। श्रीराम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद बोर्ड ने अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि स्वीकार करते हुए इस पर मस्जिद, रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी एवं अस्पताल सहित अन्य जन सुविधाएं विकसित करने के लिए इस साल फरवरी में ही इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट का गठन किया था। उस समय ट्रस्ट के सदस्यों के नामों की घोषणा नहीं हुई थी इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट में 15 सदस्यों को शामिल किया जाना है, जिसमें से अध्यक्ष सहित नौ सदस्यों की घोषणा बुधवार को कर दी गई।

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बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर श्रीराम मंदिर का निर्माण करने और मुस्लिमों को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में अयोध्या जिले की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गई थी। इस पांच एकड़ भूमि पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल गतिविधियां बढ़ाने वाले संस्थान और लाइब्रेरी बनाने के साथ ही सामाजिक गतिविधियां बढ़ाने वाले कार्यक्रम संचालित होंगे। इस ट्रस्ट के जरिए सुन्नी वक्फ बोर्ड हिंदू और मुस्लिमों के बीच सामंजस्य बनाने के कार्यक्रम भी चलाएगा।

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