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सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड: अयोध्या मामले में होली के बाद ट्रस्ट का फैसला

तमाम अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अयोध्या में दी गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई।

Aditya Mishra
Published on: 5 March 2020 4:17 PM GMT
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड: अयोध्या मामले में होली के बाद ट्रस्ट का फैसला
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लखनऊ: तमाम अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में अयोध्या में दी गई जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई। जबकि अयोध्या मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि बोर्ड की बैठक में पक्षकारों को नहीं बुलाया गया, यह ठीक नहीं है।

बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बताया कि लखनऊ में गुरुवार को बोर्ड की बैठक हुई जिसमें वक्फ से जुड़े विभिन्न मुकदमों पर हुई कार्यवाही पर चर्चा की गई।

उन्होंने बताया कि अयोध्या के रौनाही इलाके में राज्य सरकार द्वारा दी गई जमीन पर मस्जिद, चैरिटेबल अस्पताल और पुस्तकालय आदि बनाने के लिए प्रस्तावित ट्रस्ट के गठन का मुद्दा आज की बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं था।

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चैरिटेबल अस्पताल और लाइब्रेरी का भी निर्माण

लिहाजा इस पर कोई बात नहीं हुई। फारूकी ने बताया कि ट्रस्ट गठित करने की प्रक्रिया जारी है और होली के बाद वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ट्रस्ट के गठन और उसमें शामिल होने वाले सदस्यों के बारे में मीडिया को विस्तार से बताएंगे।

गौरतलब है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की गत 24 फरवरी को हुई बैठक में यह तय किया गया था उच्चतम न्यायालय के फैसले पर राज्य सरकार द्वारा पांच फरवरी को अयोध्या जिले के रौनाही इलाके में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ चैरिटेबल अस्पताल और लाइब्रेरी का भी निर्माण कराया जाएगा।

इसके लिए एक ट्रस्ट गठित किया जाएगा। पिछले कुछ समय से यह ट्रस्ट के गठित हो जाने की खबरें आ रही थी। हालांकि फारूकी ने इससे इंकार करते हुए कहा कि अभी यह ट्रस्ट गठित होने की प्रक्रिया जारी है।

उच्चतम न्यायालय ने गत नौ नवंबर को फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे।

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70 वर्षो तक चली बाबरी मस्जिद की लड़ाई

इधर, अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की मस्जिद के लिए ट्रस्ट की घोषणा से पहले बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने वक्फ बोर्ड की बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रस्ट के गठन की बैठक में पक्षकारों को नही बुलाया गया और ना ही कोई बात की गई। अंसारी ने कहा कि वह चाहते है कि देश मे अमन चैन हमेशा कायम रहे। 70 वर्षो तक बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ी।

मेरे मरहूम पिता हाशिम अंसारी साइकिल से जा कर मुकदमा लड़ते थे और अब अयोध्या के पक्षकारों को पूछा नही जा रहा है। 70 वर्षो से लड़ने वाले पक्षकारों को जो सिला दे रहे है, वह अच्छा नहीं है।

इकबाल अंसारी ने कहा कि हम लोगों ने देश मे हिन्दू मुस्लिम के भाईचारे का संदेश दिया है। पूरे देश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि रौनाही में 22 मस्जिदे पहले से है, अब नई मस्जिद की जरूरत नही।

उन्होंने कहा कि यह जमीन कृषि विभाग की है लिहाजा वहां वहां अनाज उगाया जाए, खेती की जाए जो अनाज पैदा हो वह भगवान राम व अल्लाह के नाम पर गरीबो को बांटा जाए चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान हो।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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