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किरकिरी के बाद अब संत समाज से भी निकाले जाएंगे स्वामी चिन्मयानंद

बताते चलें कि एसआईटी ने चिन्मयानंद को 20 सितंबर को उनके मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तार किया था। अदालत ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

Shivakant Shukla
Published on: 27 May 2023 4:00 AM GMT
किरकिरी के बाद अब संत समाज से भी निकाले जाएंगे स्वामी चिन्मयानंद
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शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम के संत और पूर्व गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनके ही कालेज की एलएलएम की एक छात्रा द्वारा यौन शोषण का आरोप लगने के बाद उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब संत समाज स्वामी चिन्मयानंद पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है।

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली बैठक में स्वामी चिन्मयानंद को संत समाज से बाहर करेगा। इस बैठक में सभी 13 अखाड़ा परिषद के साधु-संत शामिल होंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मीटिंग में लिया जायेगा फैसला

बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद संत परंपरा से आते हैं और वह महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर भी हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सूत्रों के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद संत परंपरा से आते हैं लेकिन यह कृत्य निंदनीय और शर्मनाक है लिहाजा इससे साधु-संतों की बदनामी हो रही है। कानून के मुताबिक उन्हें सजा भुगतनी पड़ेगी, लेकिन संत समाज भी उन्हें अपने सानिध्य से बहिष्कृत करेगा।

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अखाड़ा परिषद ने यह भी कहा कि जब तक कोर्ट के आदेश से वह निर्दोष साबित नहीं होते तब तक वह संत समाज से बहिष्कृत ही रहेंगे।

बताते चलें कि एसआईटी ने चिन्मयानंद को 20 सितंबर को उनके मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तार किया था। अदालत ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

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आठ साल पहले भी लगा था यौन शोषण का आरोप

चिन्मयानंद पर सबसे पहला आरोप एक महिला ने 2011 में लगाया था। आरोप लगाने वाली महिला शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद के ही आश्रम में रहती थी।

लेकिन राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, सरकार ने उनके ख़िलाफ़ लगे इस मुक़दमे को वापस ले लिया था। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने सरकार के इस फ़ैसले को अदालत में चुनौती दी थी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।

चिन्मयानंद को इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। हालांकि कुछ लोगों का यह मानना है कि इस मामले में उनका नाम आने की वजह से ही उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था।

Shivakant Shukla

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