TRENDING TAGS :
चिन्मयानंद का खुलासा: दुष्कर्मी बाबा का ये कांड छिपाना चाह रही थी यूपी सरकार
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद लॉ स्टूडेंट के यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार कर लिये गए हैं। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद लॉ स्टूडेंट के यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार कर लिये गए हैं। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले भी वो अन्य दुष्कर्म के मामले में घिर चुके हैं। जहां उन पर 2011 में हरिद्वार के एक आश्रम में एक साध्वी को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। इससे पहले 30 नवंबर, 2011 में शाहजहांपुर कोतवाली में दुष्कर्म औऱ जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज हुआ था।
केस को वापस लेना चाहती थी यूपी सरकार-
इस मामले में चिन्मयानंद ने हाई कोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ स्टे ले लिया था। तब से ये मामला लंबित चल रहा था। वहीं यूपी सरकार चिन्मयानंद का ये केस वापस लेनी चाहती थी और इसके लिए चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने के लिए सरकार ने मार्च 2018 में आदेश दिया था। लेकिन साध्वी उस केस पर अड़ी रही और सरकार केस वापस लेने में सफल नहीं हो पाई।
यह भी पढ़ें: महिलाओं के भोगी ये बाबा! स्वामी चिन्मयानंद के अलावा इन पर ऐसे गंभीर आरोप
नहीं लगी किसी को केस की भनक-
मार्च 2018 में यूपी सरकार ने केस वापस लेने के लिए एक पत्र जारी किया, लेकिन कुछ दिनों में ये केस सुर्खियों में आ गया। सुर्खियों में आने से पहले किसी को इस केस की भनक तक नहीं लगी। शायद चिन्मयानंद की पहुंच इतनी दी थी कि इस केस की भनक किसी को लगने ही नहीं दिया गया। चिन्मयानंद के खिलाफ बंदायू की एक साध्वी ने आरोप लगाए थे। लेकिन शासन के आदेश पर यह केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरु हो गई। यह पत्र जिला मजिस्ट्रेट के हवाले से एडीएम की तरफ से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी को जारी किया गया था।
चिन्मयानंद ने 2017 में की थी केस वापस लेने की मांग-
बताया जा रहा है कि इस मामने को झूठा करार देते हुए चिन्मयानंद ने मार्च, 2017 में शासन को केस वापस लेने के लिए अपील की थी। वहीं यूपी में नई सरकार के बनने के बाद शासन स्तर पर इसकी कवायद शुरू कर दी गई। लेकिन रेप पीड़िता ने केस वापसी के विरोध को लेकर राष्ट्रपति चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और जिला जज को पत्र लिखा था।
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता का कहना है कि अभी तक उसको न्याय मिला ही नहीं है तो केस वापस कैसे लिया जा सकता है। इसके बाद केस चलने लगा लेकिन सरकार अभी भी केस को वापस लेना चाहती थी और इसके लिए आदेश भी जारी किया गया था। इस मामले में यूपी बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने बताया कि चिन्मयानंद ने केस वापसी के लिए अपील की थी, जिस पर प्रशासन ने रिपोर्ट की मांगी की थी। अंत में ये केस वापस नहीं लिया गया।
यह भी पढ़ें: यूपी: शाहजहांपुर से स्वामी चिन्मयानंद हुए गिरफ्तार, यौन शोषण का आरोप