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अब श्री पंचायती अखाड़ा ने भी चिन्मयानंद को दिखाया बाहर का रास्ता
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े स्वामी चिन्मयानंद को अखाड़े ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अखाड़े से निष्कासित होने के बाद अब स्वामी चिन्मयानंद साधु संतों की बैठकों और अखाड़े के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे।
लखनऊ: एमएलएम की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल भेजे जाने के बाद भी पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े स्वामी चिन्मयानंद को अखाड़े ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अखाड़े से निष्कासित होने के बाद अब स्वामी चिन्मयानंद साधु संतों की बैठकों और अखाड़े के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे।
स्वामी चिन्यमयानंद पर लगे गम्भीर आरोपों के बाद अब साधु संतों ने उनसे किनारा कर लिया है। इस तरह से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने स्वामी चिन्मयानंद का पूर्ण रुप से बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत राम सेवक गिरी महाराज ने स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों को बेहद गम्भीर बताते हुए कहा है कि साधु-संत इसकी निंदा करते हैं।
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आरोपों से मुक्त होने पर ही होगी वापसी: महंत राम सेवक गिरी महाराज
इस घटना से साधु संतों की छवि भी धूमिल हुई है। महंत राम सेवक गिरी महाराज ने कहा है कि जब तक स्वामी चिन्मयानंद इन आरोपों से बाइज्जत बरी नहीं होते हैं तब तक अखाड़े से बाहर ही रहेंगे।
उन्होंने कहा है कि जो भी भगवाधारी इस तरह के कृत्य करते हैं, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी उसकी कड़ी निंदा करता है।
महंत राम सेवक गिरी महाराज ने कहा है कि इससे पहले अखाड़े से जुड़े दाती महाराज पर भी यौन शोषण के गम्भीर आरोप लगे थे, जिन्हें अखाड़े ने निष्कासित कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि स्वामी चिन्मयानंद पर अखाड़े की कोई पदवी नहीं थी। लेकिन स्वामी चिन्मयानंद श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर स्वामी भजनानंद महाराज के शिष्य हैं।
इस वजह से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने उन पर अखाड़े से निष्कासन की कार्रवाई की है। वहीं स्वामी चिन्मयानंद पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद साधु संतों की सर्वोच्च संस्थान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी बड़ी कार्रवाई का मन बनाया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की दस अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली बैठक में स्वामी चिन्मयानंद को अखाड़े से बाहर करने का प्रस्ताव सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पास किया जायेगा।
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