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बाप रे बाप: दो सगे भाईयों का ऐसा सफर, पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएंगे
लॉकडाउन की जिंदगी कैद की जिंदगी बनकर रह गई है। वो भी मुंबई जैसे बड़े शहरों में जहां रहने खाने हर चीज की समस्या है। जिले के भी दो युवक ऐसे ही समस्या से दो चार थे।
अमेठी: लॉकडाउन की जिंदगी कैद की जिंदगी बनकर रह गई है। वो भी मुंबई जैसे बड़े शहरों में जहां रहने खाने हर चीज की समस्या है। जिले के भी दो युवक ऐसे ही समस्या से दो चार थे। खाने-पीने और रहने की समस्या से जब दोनो सगे भाई थक गए तो मौका मिलते ही दोनो ने साइकिल उठाया और फिर 11 दिन में 1600 किलोमीटर का सफर तय कर वो यहां पहुंचे। जिन्हे प्रशासन ने क्वारैनटाइन कराया है।
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साइकिल से अपने गांव पहुंचे
जानकारी के अनुसार जिले के मुसाफिरखाना ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा भनौली के पूरे बस्ती में दो सगे भाई मोहम्मद सोहराब व मोहम्मद असगर साइकिल से अपने गांव पहुंचे हैं।
दोनों ने बताया कि गत 23 अप्रैल को वो लोग काफी संख्या में मुंबई से साइकिल और बाइक से निकले थे। क्योंकि वहां खाने और रहने की दुश्वारियां थी।
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रास्ते में दो जगह चेकअप
दोनों ने बताया कि बीच-बीच नदी-नाले को भी पार करके उन सभी ने सफर तय किया। युवकों ने बताया कि रास्ते में दो जगह चेकअप किया गया था।
इन लोगों ने यहां पहुंचते ही ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी। ग्राम प्रधान के माध्यम से प्रशासन को सूचना मिली है। अब परदेस से आए दोनो भाईयों को स्थानीय पूरे चौहान प्राथमिक विद्यालय में बने क्वॉरैनटाइन सेंटर में रखा गया है। वही इन दो भाईयों के साथ इसी ब्लाक के पलिया गांव का एक युवक रशीद भी अपने घर पहुंचा।
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रिपोर्ट- असगर नकी